वृहत क्षेत्र प्रमाणीकरण योजना
- 15 May 2021
27 अप्रैल, 2021 को भारत सरकार ने ‘वृहत क्षेत्र प्रमाणीकरण योजना’ (Large Area Certification scheme) के तहत केंद्र-शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार के ‘कार निकोबार और द्वीपों के समूह नैनकोवरी’ (Car Nicobar and Nancowry group of islands) के 14,491 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक प्रमाणपत्र दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह जैविक प्रमाणपत्र हासिल करने वाला पहला वृहत संस्पर्शी क्षेत्र (large contiguous territory) बन गया गया है।
- कार निकोबार और द्वीपों के समूह नैनकोवरी पारंपरिक रूप से जैविक क्षेत्र के रूप में जाने जाते हैं। प्रशासन ने इन द्वीपों में आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों के किसी भी रासायनिक बिक्री, खरीद और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
- आधुनिक कृषि पद्धतियों का विस्तार बड़े क्षेत्रों में होने के बावजूद, भारत में अभी भी पहाड़ियों, जनजातीय जिलों, रेगिस्तान और वर्षा वाले क्षेत्रों में बड़े संस्पर्शी क्षेत्र हैं, जो रासायनिक खाद्य के उपयोग से मुक्त हैं।
- ‘कृषि और किसान कल्याण विभाग’ द्वारा अपनी प्रमुख योजना ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ (PKVY) के तहत ऐसे क्षेत्रों में एक जैविक प्रमाणीकरण सहायता योजना ‘वृहत क्षेत्र प्रमाणीकरण योजना’ शुरू की गई है।
- वृहत क्षेत्र प्रमाणीकरण के तहत, क्षेत्र के प्रत्येक गांव को एक क्लस्टर/समूह के रूप में माना जाता है।
- भारत में अब 30 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र जैविक प्रमाणीकरण के तहत पंजीकृत हैं और धीरे-धीरे अधिक से अधिक किसान इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं।
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