राज्य सरकारों / केंद्र- शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम
- 28 Apr 2021
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 23 अप्रैल, 2021 को सभी राज्यों / केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए अंतरिम ‘अर्थोपाय अग्रिम’ (Ways and Means Advances– WMA) योजना के तहत 51,560 करोड़ रुपये की मौजूदा सीमा को जारी रखने का निर्णय लिया है। कोविड-19 को देखते हुए ‘अर्थोपाय अग्रिम’ योजना के तहत निर्धारित यह सीमा 30 सितंबर, 2021 तक जारी रहेगी।
महत्वपूर्ण तथ्य: RBI ने सुधीर श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली राज्य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति 2021 की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकारों/ केंद्र-शासित प्रदेशों की WMA योजना में संशोधन किया है।
- इसके अलावा राज्य सरकारों / केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त विशेष आहरण सुविधा को भारत सरकार द्वारा जारी किए गए बाजार योग्य प्रतिभूतियों (marketable securities) में उनके निवेश की मात्रा से संबद्ध रहना जारी रहेगा, जिसमें नीलामी खजाना बिल (Auction Treasury Bills- ATBs) भी शामिल हैं।
अर्थोपाय अग्रिम: प्राप्तियों और भुगतानों के नकदी प्रवाह में अस्थायी असंतुलन को दूर करने के लिए RBI राज्य सरकारों को अर्थोपाय अग्रिम उपलब्ध कराता है। राज्य सरकारों के लिए अर्थोपाय अग्रिम योजना में विशेष और सामान्य अर्थोपाय अग्रिम का प्रावधान है।
- विशेष अर्थोपाय अग्रिम या विशेष आहरण सुविधा (Special Drawing Facility -SDF) राज्य सरकार द्वारा धारित सरकारी प्रतिभूतियों के संपार्श्विक (collateral of the government securities) पर दिये जाते हैं।
- SDFकी सीमा समाप्त हो जाने पर राज्य सरकार को सामान्य अर्थोपाय अग्रिम प्रदान किये जाते हैं। सामान्य अर्थोपाय अग्रिम की सीमाएं राज्य के वास्तविक राजस्व और पूंजीगत व्यय के तीन वर्ष के औसत पर आधारित होती हैं।
- केंद्र सरकार के लिए ‘अर्थोपाय अग्रिम’ (WMA) योजना का आरंभ 1 अप्रैल, 1997 को किया गया था।
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