भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण का आदेश
- 20 Apr 2021
वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने 8 अप्रैल, 2021 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसमें परिवर्तन या परिवर्धन (alteration or addition) किया गया है या इसमें किसी भी अन्य धार्मिक संरचना के साथ या ऊपर से किसी भी प्रकार की संरचनात्मक अतिच्छादन (structural overlapping) की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से ये दावा किया जाता है कि विवादित ढांचे के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि भगवान विशेश्वर का स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग स्थापित है।
- स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से याचिकाकर्ता के अनुसार मंदिर का निर्माण लगभग 2,050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था।
- काशी विश्वनाथ- ज्ञानवापी मामले में मंदिर के ट्रस्ट की ओर से 1991 में वाराणसी जिला न्यायालय में दायर एक मुकदमे के अनुसार, 1664 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर मंदिर के अवशेषों का उपयोग करके मस्जिद का निर्माण किया था।
- उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि अदालत ने ‘उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991’ [Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991] की अनदेखी की है।
- इस अधिनियम के अनुसार मान्यता प्राप्त प्राचीन स्मारकों और अयोध्या विवादित स्थल को छोड़कर देश के सभी धार्मिक स्थल उसी रूप में रहेंगे जैसा कि वे 15 अगस्त, 1947 को थे, अर्थात उनमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
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