महाराष्ट्र को मिली भारत की पहली फ्लोटिंग एलएनजी स्टोरेज और रिगैसिफिकेशन यूनिट
- 21 Apr 2021
8 अप्रैल, 2021 को भारत का पहला ‘फ्लोटिंग स्टोरेज और रीगैसिफिकेशन यूनिट’ (Floating Storage and Regasification Unit- FSRU) महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एच-एनर्जी के जयगढ़ टर्मिनल (H-Energy’s Jaigarh Terminal) पर पहुंच गया। एफएसआरयू होएग जायंट (FSRU Höegh Giant) को सिंगापुर के केपेल शिपयार्ड से रवाना किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य: FSRU एलएनजी ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला विशेष प्रकार का जहाज होता है। रीगैसिफिकेशन प्रक्रिया के द्वारा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) को उसकी गैसीय अवस्था में वापस लाने के लिए तप्त किया जाता है।
- यह महाराष्ट्र में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल का पहला वर्ष भी है। यह एलएनजी टर्मिनल भारत के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के जेएसडब्ल्यू जयगढ़ बंदरगाह (JSW Jaigarh Port) पर स्थित है।
- यह बंदरगाह महाराष्ट्र में गहरे समुद्र में सातों दिन चौबीसो घंटे परिचालन करने वाला निजी क्षेत्र का पहला बंदरगाह है।
- 2017 में निर्मित होएग जायंट में 1,70,000 घन मीटर की भंडारण क्षमता है और प्रति दिन 75 करोड़ घन फुट (प्रति वर्ष लगभग 60 लाख टन के बराबर) की स्थापित रीगैसीफिकेशन क्षमता है। एच-एनर्जी ने इस FSRU को 10 वर्षों के लिए लिया है।
- होएग जायंट 56 किमी. लंबी जयगढ़-दाभोल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के जरिये रीगैसीफाइड एलएनजी की आपूर्ति करेगी। यह पाइपलाइन इस एलएनजी टर्मिनल को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ती है।
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