यूरोपीय संघ की हिन्द-प्रशांत सहयोग रणनीति
- 20 Apr 2021
यूरोपीय संघ की परिषद ने 19 अप्रैल, 2021 को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 'क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास' में योगदान करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में सामरिक फोकस, उपस्थिति और कार्रवाई को सुदृढ़ करने के लिए हिंद-प्रशांत में सहयोग के लिए एक यूरोपीय संघ की रणनीति को अंगीकार किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: परिषद ने सितंबर 2021 तक भारत-प्रशांत में सहयोग पर एक संयुक्त संचार को आगे बढ़ाने के लिए एक उच्च प्रतिनिधि और आयोग को कार्य सौंपा है।
- हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर यूरोपीय संघ की ताजा प्रतिबद्धता का जोर दीर्घकालिक होगा और यह लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून के शासन तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर आधारित होगा।
- यूरोपीय संघ ने भारत द्वारा जोर दिए गए एक बिंदु आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) के लिए अपने समर्थन को दोहराते हुए प्रभावी नियम-आधारित बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- ‘यूरोपीय संघ की परिषद’ सदस्य देशों की सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। परिषद में यूरोपीय संघ के प्रत्येक देश के मंत्री कानूनों को अपनाने और नीतियों के समन्वय के लिए बैठक करते हैं।
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