राष्ट्रीय जलवायु भेद्यता आकलन रिपोर्ट
- 19 Apr 2021
17 अप्रैल, 2021 को ‘भारत में अनुकूलन संबंधी योजना के लिए एक साझा फ्रेमवर्क का उपयोग करते हुए जलवायु भेद्यता आकलन’(Climate Vulnerability Assessment for Adaptation Planning in India Using a Common Framework) शीर्षक से राष्ट्रीय जलवायु भेद्यता आकलन रिपोर्ट जारी की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (Swiss Agency for Development & Cooperation) द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित इस आकलन रिपोर्ट में वर्तमान जलवायु संबंधी जोखिमों के लिहाज से भारत के सबसे संवेदनशील राज्यों और जिलों की पहचान की गई है।
- रिपोर्ट में झारखंड, मिजोरम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल की पहचान ऐसे राज्यों के रूप में की गई है, जो जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील हैं। इन राज्यों में अनुकूलन संबंधी उपायों को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
- संवेदनशील माने जाने वाले राज्यों में से, असम, बिहार और झारखंड के 60% से अधिक जिले अति- संवेदनशील जिलों की श्रेणी में हैं।
- इस तरह के बदलावों के प्रति संवेदनशील माने जाने वाले भारत के हिस्सों को मानचित्र पर चिन्हित करने से जमीनी स्तर पर जलवायु से संबंधित कार्रवाइयों को शुरू करने में मदद मिलेगी।
- इन आकलनों का उपयोग पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों (Nationally Determined Contributions) से जुड़ी भारत की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग जलवायु परिवर्तन से संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना के एक अंग के तौर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े 2 राष्ट्रीय मिशनों ‘हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission for Sustaining the Himalayan Ecosystem- NMSHE) और ‘राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन रणनीतिक ज्ञान मिशन’ को कार्यान्वित कर रहा है।
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