निसार
- 30 Mar 2021
मार्च 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर सिंथेटिक एपर्चर रडार (Synthetic Aperture Radar- SAR) ‘निसार’ (NASA-ISRO SAR -NISAR) का विकास पूरा कर लिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस सिंथेटिक एपर्चर रडार में ‘संयुक्त पृथ्वी अवलोकन उपग्रह मिशन’ के लिए अत्यधिक उच्च-रिजॉल्यूशन छवियों के उत्पादन की क्षमता है।
- निसार पृथ्वी अवलोकन के लिए दोहरे आवृत्ति एल-बैंड और एस-बैंड SAR के लिए एक संयुक्त सहयोग है।
- निसार पहला उपग्रह मिशन है, जो एल-बैंड और एस-बैंड नामक दो अलग-अलग रडार फ़्रीक्वेंसी का उपयोग करेगा। इन रडार फ़्रीक्वेंसी का उपयोग पृथ्वी की सतह में बदलावों को मापने के लिए किया जाएगा।
- यह मिशन वर्ष 2022 में आंध्र प्रदेश में इसरो के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा।
- नासा इस मिशन के लिए एल-बैंड SAR प्रदान कर रहा है। यह जीपीएस रिसीवर, विज्ञान डेटा, पेलोड डेटा सबसिस्टम और एक सॉलिड स्टेट रिकॉर्डर के लिए एक उच्च दर संचार उपतंत्र है।
- दूसरी ओर, इसरो एस-बैंड रडार, स्पेसक्राफ्ट बस, लॉन्च वाहन और मिशन से जुड़ी अन्य लॉन्च सेवाएं प्रदान कर रहा है।
निसार का उपयोग: यह मिशन पारिस्थितिकी तंत्र में गड़बड़ी, बर्फ की चादर ढहने और प्राकृतिक खतरों जैसे ज्वालामुखी, भूस्खलन, भूकंप और सुनामी जैसी अत्यधिक स्थानिक और अस्थायी रूप से जटिल प्रक्रियाओं के लिए उपयोगी होगा। यह मिशन बायोमास, प्राकृतिक खतरों, भूजल और समुद्र के स्तर में वृद्धि के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा।
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