कार्बन अवशोषण के लिए समाधान प्रदान करेगा कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण
- 26 Mar 2021
मार्च 2021 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्वायत्त संस्थान ‘जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च’ (Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research) के वैज्ञानिकों के एक दल ने एक ऐसी विधि खोजी है, जो प्रकाश संश्लेषण की तरह कार्य करती है।
महत्वपूर्ण तथ्य: वातावरण से अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के लिए कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण विधि विकसित की गई है।
- यह विधि सौर ऊर्जा का उपयोग करती है और अवशोषित किए गए कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) में परिवर्तित करती है, जिसका उपयोग आंतरिक दहन इंजन (internal combustion engines) के लिए ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
- वैज्ञानिकों के दल ने एकीकृत उत्प्रेरक प्रणाली का डिजाइन और निर्माण किया है, जो धातु-आर्गेनिक ढांचे (MOF-808) पर आधारित है, जिसमें एक फोटोसेंसिटाइजर (photosensitizer) होता है। फोटोसेंसिटाइजर सौर ऊर्जा और उत्प्रेरक केंद्र का उपयोग कर सकता है, यह कार्बन डाइऑक्साइड कम करता है ।
- फोटोसेंसिटाइजर वह अणु है, जो प्रकाश को अवशोषित करता है और इलेक्ट्रॉन को आपतित प्रकाश से पास के अणु में स्थानांतरित करता है। इसे रासायनिक रूप से रुथेनियम बाइपायरिडिल कॉम्प्लेक्स ruthenium bipyridyl complex ([Ru(bpy)2Cl2]) कहा जाता है। इसमें रेनियम कार्बोनिल कॉम्प्लेक्स ([Re (CO)5Cl]) नामक एक उत्प्रेरक भाग भी शामिल होता है।
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