प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
- हाल ही में, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के योजना डिजाइन और कार्यान्वयन दोनों के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को महत्वपूर्ण कमियों से ग्रस्त पाया गया है।
PMMVY के मुद्दों को समझना
लंबा दस्तावेजीकरण
- लंबे दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया में 32 पृष्ठों के छह दस्तावेजों को भरना शामिल है |इसमें आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने के लिए आवेदन, दूसरा डाकघर खाते से आधार कार्ड को जोड़ने के लिए आवेदन और एक फीडबैक फॉर्म शामिल है।
- इस थकाऊ प्रक्रिया ने एकल महिलाओं और युवा दुल्हनों को इसके दायरे से बाहर किया।
- इसके अलावा, दस्तावेज़ीकरण की जटिल प्रक्रिया के कारण हाशिये पर रहने वाली महिलाओं जैसे- यौन कर्मियों, हिरासत में रहने वालीं महिलाएँ, प्रवासी महिलाएँ इस योजना का लाभ नहीं उठा पाती हैं, जबकि उन्हें मौद्रिक मुआवजे की सबसे अधिक आवश्यकता होती हैं।
पहला बच्चा मानदंड
- पात्रता मानदंड में खामी यह है कि लाभ केवल पहले बच्चे के जन्म के लिए प्रदान किया जाता है।
- 33 के कुल प्रजनन दर (TFR) वाले देश में, इस योजना को केवल पहले बच्चे तक सीमित रखने की नीति अव्यावहारिक है ।
- इस योजना के अंतर्गत गर्भपात या शिशु मृत्यु दर को समायोजित नहीं किया जाता है। यदि आठ महीने की गर्भवती महिला, जिसने पहले से ही योजना का उपयोग किया है, अपने बच्चे को खो देती है, तो वह अपनी अगली गर्भावस्था के लिए दूसरी या तीसरी किस्त के योग्य नहीं होती है।
एकल महिलाओं से सम्बंधित मुद्दे
- इस योजना में पंजीकरण के लिये आवेदक महिला को अपने पति का आधार संबंधी विवरण प्रदान करना होता है जिससे एकल महिलाएं, अविवाहित माताएं, परित्यक्त पत्नियां और विधवा महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जाती हैं।
नवविवाहिता स्त्रियां
- नवविवाहित महिला को PMMVY का लाभ उठाने के लिए अपने ससुराल के पते का प्रमाण देना होता है, जो उसके मायके में रहने की स्थिति में एक बड़ी चुनौती साबित होती है।
नवविवाहिता
- इस योजना में आवेदन करने की न्यूनतम आयु 19 वर्ष है अतः 18 वर्ष से कम आयु की नवविवाहिता इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जाती हैं।
- पहले शिशु को जन्म देने वाली लगभग 30-35% महिलाएँ 18 वर्ष से कम आयु की हैं।
भ्रष्टाचार के मुद्दे
- यह योजना भ्रष्टाचार से प्रभावित है जो इसके उचित कार्यान्वयन को सीमित करता है। आवेदक महिलाओं से आवेदन प्रक्रिया के दौरान रिश्वत की मांग की जाती है, जो कि प्रत्येक स्तर पर 500 रुपये तक होती है।
थकाऊ दस्तावेजीकरण
कैसे PMMVVY को बाहर करता है
- केवल पहले जन्म के लिए,
- कई शर्तों को पूरा करने के बाद प्रदान किया जाता है- गर्भावस्था का पंजीकरण, कम से कम जांच, बच्चे के जन्म और टीकाकरण का पंजीकरण आदि,
- ससुराल के पते का प्रमाण,
- पति का आधार कार्ड,
- न्यूनतम आयु 19 वर्ष,
- पिता और माता को अलग-अलग वचन देने की आवश्यकता है कि बच्चा उन दोनों के लिए पहला जीवित बच्चा है |
दस्तावेजों की सूची
- लाभार्थी द्वारा भरे जाने वाले कुल 32 पृष्ठों के साथ कुल 6 आवेदन फॉर्म भरे जाते हैं |
- 9 पहचान पत्रों की मांग किया जाना : आधार कार्ड (या नामांकन पर्ची) की प्रतिलिपि, पहचान प्रमाण की प्रतिलिपि, पति और पत्नी दोनों के लिए मतदाता पहचान पत्र (आयु प्रमाण के रूप में), राशन कार्ड की प्रतिलिपि (ससुराल के पते के प्रमाण के रूप में), पासबुक की कॉपी, माता और बाल संरक्षण कार्ड की प्रति |
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
- 2016 में शुरू की गई PMMVY एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है, जिसने इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) को प्रतिस्थापित किया।
- यह एक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना है जिसके तहत 5000 रुपये का नकद प्रोत्साहन गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली माताओं (PW&LM) के खाते में प्रदान किया जाता है जो विशिष्ट शर्तों को पूरा करती है |
- पात्र लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत नकद प्रोत्साहन भी मिलता है। इस प्रकार औसतन एक महिला को 6,000 रुपये मिलते है।
उद्देश्य
- गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान उपयुक्त अभ्यास, देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना।
- महिलाओं को पहले छह महीनों के शुरुआत में स्तनपान सहित (इष्टतम) पोषण और खिलाने के अभ्यास का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मां के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना।
लक्षित लाभार्थियों
- केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों के साथ नियमित रूप से रोजगार प्राप्त या किसी भी कानून के तहत समान लाभ की प्राप्ति करने वाली महिलाओं को छोड़करसभी गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं (PW&LM)।
- सभी पात्र गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ जिनकी पहली गर्भावस्था परिवार में 01.01.2017 को या उसके बाद हुई है।
- लाभार्थी के लिए गर्भावस्था की तारीख और चरण उसकी LMP(last menstrual period) तारीख से गिना जाएगा जैसा MCP (Mother and Child Protection Card ) कार्ड में बताया गया है।
कार्यान्वयन
- PMMVY महिला और बाल विकास मंत्रालय के द्वारा चलाया गया है जो एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) की आंगनवाड़ी सेवा योजना के मंच का उपयोग करके कार्यान्वित किया जाता है।
- इसकी PMMVY-CAS, एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन,का उपयोग कर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बारीकी से निगरानी की जाती है।
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समावेशी उपाय
- सबसे पहले, कार्यकर्ताओं और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सरकार का औपचारिक प्रतिनिधित्व करना चाहिए, ताकि इस योजना को समावेशी और सहायक बनाया जा सके।
- दूसरा, सरकार को इस योजना की समीक्षा करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों और साथ सभी महिलाओं तक इसकी पहुँच हो और इस योजना को सार्वभौमिक बनाया जा सके।
- तीसरा, इसके तहत प्रदान की जाने वाली धन राशि कम से कम न्यूनतम मजदूरीया न्यूनतम वेतनके अनुसार होनी चाहिए।
राज्य मातृत्व योजना
दो राज्यों- तमिलनाडु और ओडिशा ने केंद्र प्रायोजित योजना को लागू नहीं किया है और अपनी स्वयं की मातृत्व योजनाओं को शुरू किया है।
डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी मातृत्व लाभ योजना- तमिलनाडु
- यह योजना 1987 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सर्वोत्तम पोषण प्रदान करना और गर्भावस्था के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई करना है।
- देश में अपनी तरह की पहली योजना ने शुरुआत में गरीबी रेखा से नीचे की प्रत्येक महिला को प्रसव के दौरान होने वाले खर्चों को कवर करने में मदद करने के लिए 300 रुपये की राशि प्रदान की।
- सरकार ने वित्तीय सहायता को बढ़ाया है, पहले दो गर्भधारण के लिए 4,000 रुपये की नकद राशि और पोषण किट प्रदान करता है।
ममता योजना- ओडिशा
- यह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करके मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा सितंबर, 2011 में शुरू की गयी थी |
- इसके तहत, सभी महिलाओं के पहले दो गर्भधारण के लिए 5,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही हैं।
- आदिवासी जैसे कमजोर समूहों के लिए, धन तीसरे जन्म के लिए भी दिया जाता है।
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