भारत में बांस के लिए अवसरों तथा चुनौतियों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन
- 20 Mar 2021
राष्ट्रीय बांस मिशन ने नीति आयोग और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से 25-26 फरवरी, 2021 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘भारत में बांस के लिए अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परामर्श’ पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया।
उद्देश्य: समस्त मूल्य शृंखला में क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए बांस परितंत्र पर विचार-विमर्श करना।
- सरकारी खरीद के लिए इलेक्ट्रॉनिक मार्केट स्पेस में बांस उत्पादों की दृश्यता बढ़ाने के लिए बांस उत्पादों के पंजीकरण के लिए जीईएम पोर्टल एक समर्पित विंडो का सृजन करेगा।
सम्मेलन के सुझाव: बांस रोपण के गर्भावधि के प्रारंभिक 3-4 वर्षों से बचने के लिए किसानों द्वारा कृषि-वानिकी मॉडल को अपनाना; अदरक, दलहनों, लेमन ग्रास आदि के साथ फसलीकरण को व्यवहार्य विकल्प बनाना।
- उपज बढ़ाने के लिए अच्छी विश्वसनीय रोपण सामग्री तथा उन्नत कृषि पद्धतियों का उपयोग करना।
- बड़े पैमाने पर खेती योग्य बंजर भूमि पर रोपण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बांस के पूर्ण उपयोग के लिए एकीकृत प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां यानी शून्य अपशिष्ट नीति से देश में बांस के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- विशेष रूप से, पूर्वोत्तर क्षेत्र से उच्च परिवहन लागत के मुद्दे से निपटने के लिए जलमार्गों तथा परिवहन सब्सिडी के विकल्पों के उपयोग की खोज की जानी चाहिए।
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