सुप्रीम कोर्ट ने उठाया ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की सुरक्षा के लिए कदम
- 17 Mar 2021
मार्च 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकता के आधार पर, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard) पक्षियों को बचाने के लिए राजस्थान और गुजरात में इन पक्षियों के प्राकृतिक आवासों से होकर गुजरने वाली ओवरहेड पावर केबल (overhead power cables) को, भूमिगत केबल के साथ प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता पर जांच करने का निर्णय लिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: अदालत ने पाया कि पक्षियों को बिजली लाइनों से दूर करने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र - उड़ान पक्षी डायवर्टर (flight bird divertors) स्थापित करना काफी महंगा होगा।
- अदालत के अनुसार जहां भी उच्च वोल्टेज बिजली लाइनें हैं, वहाँ पक्षी डायवर्टर का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन जहां भी निम्न वोल्टेज लाइनें हैं, इन लाइनों को भूमिगत किया जा सकता है।
- ज्ञात हो कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी, अपने घटते हुए प्राकृतिक आवासों से गुजरने वाली बिजली लाइनों का शिकार हो रहे हैं।
- वर्तमान में इसकी आबादी ज्यादातर राजस्थान और गुजरात तक ही सीमित है। यह मामूली संख्या में महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स को आईयूसीएन द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ (Critically endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
- यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 और CMS कन्वेंशन तथा CITES के परिशिष्ट I में भी सूचीबद्ध है।
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