पेयजल गुणवत्ता जांच, निरीक्षण और निगरानी प्रारूप
- 15 Mar 2021
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 13 मार्च, 2021 को 'पेयजल गुणवत्ता जांच, निरीक्षण और निगरानी प्रारूप’ जारी किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: नागरिक अब उचित दरों पर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकते हैं। अगले साल तक प्रत्येक राज्य, जिले और ब्लॉक में ‘परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABL) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- दिशा-निर्देशों के तहत निर्धारित बुनियादी जल गुणवत्ता मानदंडों में पीएच मान (pH value), कुल घुलित ठोस, मैलापन, क्लोराइड, कुल क्षारीयता, कुल कठोरता, सल्फेट, आयरन, कुल आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट, कुल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया शामिल हैं।
- भारत में लगभग 20 राज्यों में आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट, आयरन, लवणता या भारी धातुओं से दूषित जल स्रोत हैं।
- एक ऑनलाइन पोर्टल जल गुणवत्ता सूचना प्रबंधन प्रणाली (WQMIS) का शुभारंभ भी किया गया, जो इस उद्देश्य के लिए प्रयोगशालाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
- जल जीवन मिशन की कुल लागत 3,60,000 करोड़ है और इसका 2 प्रतिशत जल की गुणवत्ता के लिए समर्पित है।
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