भारत में सड़क दुर्घटनाओं पर वार्षिक रिपोर्ट - 2018
- 22 Nov 2019
- 19 नवंबर, 2019 कोसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सड़क दुर्घटनाओंपर वार्षिक रिपोर्ट-2018 को जारी किया।
- यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान विंग द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक प्रकाशन है जो राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर दुर्घटनाओं, संबंधित मौतों और घायलों काकैलेंडर-वार रिपोर्ट है।
प्रमुख निष्कर्ष
सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि
- 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 46% की वृद्धि हुई है।
- देश में 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या एक साल पहले के मुकाबले 4% बढ़कर 1.5 लाख से अधिक पहुंच गई जो पूर्व वर्ष में1.47 लाख थी ।
दुर्घटनाओं की वार्षिक वृद्धि दर घटाना
- 2010-2018 की अवधि में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या की मिश्रित सालाना वृद्धि दर में काफी गिरावट आई जो ऑटोमोबाइल के विकास की बहुत उच्च दर के बावजूद, पिछले दशकों की तुलना में कम है।
राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग दुर्घटनाएं
- कुल सड़क दुर्घटनाओं का 2 प्रतिशत और 2018 में 35.7 प्रतिशत मौतों का कारण राष्ट्रीय राजमार्गहै।
- 2 प्रतिशत और 26.8 प्रतिशत क्रमशः दुर्घटनाओं और मौतों का कारणराज्य राजमार्ग है।
सड़क उपयोगकर्ता दुर्घटना का प्रकार
- सड़क उपयोगकर्ता के प्रकार से दुर्घटनाओं के शिकार के संदर्भ में, पैदल चलने वालों की संख्या 15% थी, जबकि साइकिल चालकों और दोपहिया वाहन चालकों की हिस्सेदारी क्रमशः 4% और 36.5% थी।
- इसश्रेणी क साथ दुर्घटनाओं में शिकार लोगों का 9% है और वैश्विक रुझानों के अनुरूप सबसे असुरक्षित श्रेणी हैं।
आयु-समूह संबंधी दुर्घटनाएं
- 2018 के दौरान, 18 से 45 वर्ष के युवा वयस्क लगभग 69.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओंसेपीड़ित थे।
- कुल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 18-60 के कामकाजी आयु समूह की हिस्सेदारी 84.7 प्रतिशत थी।
पुरुष अधिक दुर्घटना के लिए प्रवण
- कुल दुर्घटना मौतों की संख्या में पुरुषों की हिस्सेदारी 86% थी जबकि 2018 में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 14% थी।
राज्य का परिदृश्य
- तमिलनाडु राज्य ने 2018 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं को दर्ज किया, जबकि 2018 में मारे गए सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश राज्य में थे।
स्रोत: द हिंदू
सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणतेज गति
शराब पी कर गाड़ी चलाना
सुरक्षा उपकरणोंके उपयोग नहीं
ट्रैफिक कानूनों का खराब प्रवर्तन
ख़राब सड़क का बुनियादी ढांचा
अधिक लदान
मौसम
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सड़क सुरक्षा के प्रति सरकार की पहल
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम- 2019
- मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम -2019, जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन करता है, 1 सितंबर, 2019 से लागू हुआ।
- अधिनियम का उद्देश्य सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना, नागरिक सुविधाओं को बढ़ाना, सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से भ्रष्टाचार को कम करना,पारदर्शिता लानातथा बिचौलियों को दूर करना है।
- यह अधिनियम सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने, रक्षा करने और बीमा एवं क्षतिपूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति -2017
- यह विभिन्न नीतिगत उपायों को रेखांकित करता है, जैसे- जागरूकता को बढ़ावा देना, सुरक्षित परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित करना, जिसमें बुद्धिमतापूर्ण परिवहन का उपयोग, सुरक्षा कानूनों का का अनुपालन आदि शामिल हैं।
शमन के उपाय
शिक्षा और जागरूकता के उपाय
- यह मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरूकता और विनियमन के प्रसार पर निर्भर करता है।
- सड़क सुरक्षा को एक सामाजिक आंदोलन बनाने के लिए मंत्रालय कई प्रयास कर रहा है। सरकार ने टीवी, रेडियो, सिनेमा पर प्रसारण करने, सड़क सुरक्षा संदेशों के साथ कैलेंडर प्रिंट करने के साथ-साथ सड़क उपयोगकर्ताओं (पैदल यात्री, साइकिल चालक, स्कूली बच्चे, भारी वाहन चालक आदि) के लिए संदेश के साथ सड़क सुरक्षा पर सेमिनार और प्रदर्शनियों का आयोजन एवं प्रचार कर रही हैं।
इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों) उपाय
- राजमार्गों पर दुर्घटनाप्रवण स्थानोंकी पहचान और सुधार को उच्च प्राथमिकता दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर इंजीनियरिंग उपायों के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं।
सड़क सुरक्षा ऑडिट
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा ऑडिट करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश अधिसूचित किए गए हैं। विभिन्न चरणों में सड़क सुरक्षा ऑडिट को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) और बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर सभी सड़क विकास परियोजनाओं का हिस्सा बनाया गया है।
सड़क सुरक्षा कानूनों का उचित प्रवर्तन
- मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के माध्यम सेसरकार यातायात नियमों का बेहतर कार्यान्वयन एवं लागू करने को सुनिश्चित करना चाहती है, जो सड़क सुरक्षा और दुर्घटना शमन उपायों के अत्यंत महत्वपूर्ण घटक हैं।
आगे की राह
- देश में सड़क नेटवर्क, मोटर गाड़ियों के सज्जीकरणऔर शहरीकरण में विस्तार के साथ सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है, जो सड़क पर होने वाली चोटों और घातकताओं के लिए एक प्रमुख मुद्दा है और भारत में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य के चिंता का विषय है।
- जबकि भारत के पास विश्व के 3 प्रतिशत से कम वाहन हैं, यह विश्व की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के लगभग 12 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।
- सड़क दुर्घटनाओं से युक्त एक बहु-क्षेत्रीय प्रयास की आवश्यकता है जिसमें कानून प्रवर्तन, प्रशासन, (ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण का मुद्दा), इंजीनियरिंग (उपयुक्त सड़क डिजाइन) जागरूकता बढ़ाने और दुर्घटना के बाद के पीड़ित के देखभाल और प्रबंधन शामिल हैं।