नीली अर्थव्यवस्था नीति प्रारूप

  • 20 Feb 2021

( 17 February, 2021, , www.pib.gov.in )


17 फरवरी, 2021 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत के लिए नीली अर्थव्यवस्था नीति के प्रारूप पर हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए।

नीति दस्तावेज का उद्देश्य: भारत की जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था के योगदान को बढ़ाना, तटीय समुदाय के लोगों के जीवन में सुधार लाना, समुद्री जैव-विविधता को संरक्षित रखना तथा समुद्री क्षेत्रों, संसाधनों की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना।

महत्वपूर्ण तथ्य: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने 2030 तक भारत सरकार के ‘न्यू इंडिया’ विजन के अनुरूप नीली अर्थव्यवस्था नीति तैयार की है।

  • न्यू इंडिया विजन में ‘नीली अर्थव्यवस्था’ को राष्ट्रीय विकास के लिए 10 प्रमुख आयामों में से एक माना गया है।
  • प्रारूप नीति में भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए अनेक क्षेत्रों की नीतियों पर बल दिया गया है। प्रारूप दस्तावेज में सात निम्नलिखित विषय है-
  1. नीली अर्थव्यवस्था तथा समुद्री शासन संचालन के लिए राष्ट्रीय लेखा ढांचा;
  2. तटीय समुद्री स्थानिक नियोजन तथा पर्यटन;
  3. समुद्री मत्स्य पालन और मछली प्रसंस्करण;
  4. विनिर्माण, उभरते उद्योग, व्यापार, प्रौद्योगिकी, सेवायें तथा कौशल विकास;
  5. पार-लदान सहित अवसंरचना तथा जहाजरानी;
  6. तटीय और गहरा समुद्री खनन तथा अपतटीय ऊर्जा;
  7. सुरक्षा, रणनीतिक आयाम तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
  • सतत विकास लक्ष्य 14 का उद्देश्य सतत विकास के लिए महासागरों, सागरों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग करना है। ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस तथा नॉर्वे ने आंकने योग्य परिणामों और बजट प्रावधानों के साथ समर्पित रूप से राष्ट्रीय समुद्रीय नीति विकसित की है।