राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन
- 13 Feb 2021
11 फरवरी, 2021 को देश में एकीकृत कृषि प्रणाली के तहत मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक तीन वर्ष के लिए ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन’ (National Beekeeping & Honey Mission- NBHM) को 500 करोड़ रुपये के आवंटन की मंजूरी दी है।
मिशन का लक्ष्य: ‘मीठी क्रांति’ (Sweet Revolution) का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश में वैज्ञानिक आधार पर मधुमक्खी पालन का व्यापक संवर्द्धन और विकास करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन को ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड’ के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
- NBHM का उद्देश्य कृषि और गैर-कृषि से जुड़े परिवारों के लिए आमदनी और रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही मधुमक्खी पालन उद्योग के विकास को प्रोत्साहन देना, कृषि और बागवानी उत्पादन को बढावा देना, बुनियादी ढांचे की सुविधाओं का विकास करना है।
- बुनियादी ढांचे की सुविधाओं में एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र, शहद परीक्षण प्रयोगशाला, मधुमक्खी रोग निदान प्रयोगशाला, एपीथेरपी केन्द्र (Api-therapy centres) तथा मधुमक्खी पालन के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण शामिल है।
- 2020-21 के लिए NBHM को 150 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
- दो विश्व स्तरीय अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए स्वीकृति दी गई है, जिनमें से एक एनडीडीबी, आणंद, गुजरात और दूसरी आईआईएचआर, बेंगलुरू, कर्नाटक में होगी। आणंद स्थित प्रयोगशाला का केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्वारा 24 जुलाई, 2020 को शुभारम्भ कर दिया गया है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे