केंद्रीय बजट 2021-22 (भाग -2)
- 13 Feb 2021
1. कर प्रस्ताव
(i) प्रत्यक्ष कर
- प्रत्यक्ष कर में उपलब्धियां। -कॉरपोरेट कर की दर कम कर विश्व में सबसे कम स्तर पर लाया गया, छोटे करदाताओं पर कर का भार कम करने के लिए छूट में वृद्धि की गई, 2014 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या 3.31 करोड़ से बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई तथा ‘फेसलेस मूल्यांकन’ और ‘फेसलेस अपील’ की शुरुआत
- बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिक, जिन्हें पेंशन और ब्याज सहित आय प्राप्त होती है, को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। -भुगतान करने वाला बैंक उनकी आय से आवश्यक कर की कटौती करेगा।
विवादों को कम करना, समाधान आसानः
- मामलों को दोबारा खोलने की समय सीमा घटाकर 6 वर्ष से की गई। - 3वर्ष
- कर प्रवंचना (Tax evasion) के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में प्रधान मुख्य आयुक्त के अनुमोदन के बाद संबंधित आकलन को दोबारा खोला जा सकता है। -10 साल तक
- 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय और 10 लाख रुपये तक की विवादग्रस्त आय के लिए गठन किया जायेगा। -विवाद समाधान समिति
- यह केंद्र स्थापित करने की घोषणा की गई। -राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल केंद्र
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा:
- डिजिटल लेन-देन करने को प्रोत्साहन देने और 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्यम से करने वाले व्यक्ति/इकाई पर अनुपालन का भार कम करने के लिए बजट में कर लेखापरीक्षा की सीमा को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर किया गया है। - 10 करोड़ रुपये तक
लाभांश पर राहतः
- आरईआईटी/आईएनवीआईटी (REIT/ InvIT) के लाभांश भुगतान को। -टीडीएस मुक्त करने का प्रस्ताव
- विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए प्रस्तावित है। -बजट में कम संधि दर (lower treaty rate) पर लाभांश आय में कर कटौती का
बुनियादी ढांचे के लिए विदेशी को आकर्षित करनाः
- बुनियादी ऋण निधि (Infrastructure Debt Funds) को धन अर्जित करने योग्य बनाना। -जीरो कूपन बॉन्ड जारी कर
‘सबके लिए मकान’ का समर्थनः
- सस्ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान बढ़ा दिया जाएगा। - 31 मार्च, 2022 तक
- सस्ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर की गई। - 31 मार्च, 2022 तक
छोटे ट्रस्ट को राहतः
- छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट, जो विद्यालय और अस्पताल चला रहे है, को वार्षिक प्राप्ति की छूट सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर की गई। - 5 करोड़ रुपये
श्रमिक कल्याणः
- स्टार्ट-अप्स कम्पनी की कर में छूट के दावे की समयसीमा बढ़ाई गई। -एक वर्ष और
- स्टार्ट-अप्स में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ में छूट दी गई। - 31 मार्च, 2022 तक
(ii) अप्रत्यक्ष कर
वस्तु एवं सेवा करः
- वस्तु एवं सेवा कर में आज तक किए गए उपाय। -एसएमएस के माध्यम से शून्य रिटर्न; छोटे करदाताओं के लिए मासिक और त्रैमासिक भुगतान; इलेक्ट्रॉनिक प्राप्ति प्रणाली; वैध इनपुट टैक्स विवरण; पहले से भरा हुआ परिवर्तन करने योग्य जीएसटी रिटर्न; रिटर्न फाइलिंग का शीघ्र निपटान; जीएसटीएन प्रणाली की क्षमता में वृद्धि तथा कर वंचकों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और गहन विश्लेषण का उपयोग
सीमा शुल्क को व्यवहारिक बनानाः
- सीमा-शुल्क नीति के दोहरे उद्देश्य हैं। -घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देना और भारत को वैश्विक स्तर पर अच्छे उत्पादों की शृंखला में शामिल करना तथा बेहतर निर्यात
- 400 से अधिक पुरानी छूटों की समीक्षा कर संशोधित और बाधारहित सीमा शुल्क संरचना शुरू की जायेगी। - 1 अक्टूबर, 2021 से
- नई सीमा शुल्क में छूट की वैधता बढ़ाई गई। -उसके जारी होने के दो वर्ष के बाद 31 मार्च तक
इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल फोन उद्योगः
- चार्जर के भाग और मोबाइल के कुछ अन्य भागों से छूट समाप्त की गई, मोबाइल के कुछ पुर्जों पर शुल्क शून्य दर (Nil rate) से संशोधित कर किया गया है। - 2.5 % तक
लौह और अयस्क:
- गैर अयस्क, अयस्क और स्टैनलेस स्टील के छोटे, चपटे और लंबे उत्पादों पर एक समान सीमा शुल्क घटाया गया। - 7.5%
टेक्सटाइल्स:
- मूलभूत सीमा शुल्क (बीसीडी) को कैप्रोलैक्टम, नायलॉन चिप्स, नायलॉन फाइबर और धागों पर कम किया गया। -5% तक
नवीकरणीय ऊर्जा:
- सोलर सेल और सौर पैनल के लिये अधिसूचित किया जायेगा। -चरणबद्ध विनिर्माण योजना
- घरेलू निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सोलर इंवर्टर पर शुल्क 5% से 20% किया गया और सोलर लालटेन पर 5% से बढ़ाया गया। -- 15% तक
सूक्ष्म, लघु एवम् मध्यम उद्योग उत्पाद:
- झींगा मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सीमा शुल्क पहले के 5% से बढ़ाकर किया गया -15%
कृषि उत्पाद:
- कपास पर सीमा शुल्क शून्य से 10% और कच्चे रेशम तथा रेशम के धागों पर 10% से बढ़ाकर किया गया। - 15%
प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन को आसान बनाना:
- प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन को आसान बनाने हेतु उपाय। -तुरंत कस्टम योजना, व्यक्ति रहित, कागज रहित और स्पर्श रहित उपाय
2. कोविड-19 महामारी के दौरान उपलब्धियां और मील के पत्थर
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत। - 2.76 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज,8 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस; 40 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों, गरीबों और जरुरतमन्दों को सीधे नकद धनराशि का अंतरण
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0)। - 23 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत से ज्यादा
- आरबीआई के उपायों सहित 27.1 लाख करोड़ रुपये का व्यय तीनों आत्मनिर्भर पैकेज पर हुआ, जोकि है। -जीडीपी के 13 प्रतिशत से ज्यादा
- संरचनात्मक सुधार किए गए। -एक देश,एक राशन कार्ड; कृषि और श्रम सुधार; सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों की पुन: परिभाषा तथा खनन क्षेत्र का वाणिज्यीकरण; सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं
- कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की ताजा स्थिति। - 2 मेड-इन-इंडिया टीके कोविड-19 के खिलाफ भारत के नागरिकों के साथ-साथ 100 से भी अधिक देशों के नागरिकों को चिकित्सीय सुरक्षा मुहैया कराने में कारगर साबित तथा प्रति मिलियन न्यूनतम मृत्यु दर और न्यूनतम सक्रिय मामले
3. 2021-भारतीय इतिहास में उपलब्धियों का वर्ष
- 2021-भारतीय इतिहास में उपलब्धियों का वर्ष है। -भारत की आजादी का 75वां वर्ष; भारत में गोवा के शामिल होने के 60 साल पूरे; 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे; स्वतंत्र भारत की आठवीं जनगणना का वर्ष; ब्रिक्स की अध्यक्षता के लिए अब भारत की बारी; चंद्रयान-3 मिशन का वर्ष तथा हरिद्वार महाकुंभ
4.आत्मनिर्भर भारत के लिए विजन
- आत्मनिर्भरता कोई नया विचार नहीं है, प्राचीन भारत आत्मनिर्भर था और पूरी दुनिया का एक। -कारोबारी केंद्र था
- केंद्रीय बजट 2015-16 में 13 वादे किए गए थे जो अनुरूप हैं। -देश की आजादी के 75वें वर्ष पर 2022 के अमृत महोत्सव के दौरान आत्मनिर्भरता के विजन के