भारत ऊर्जा परिदृश्य 2021
- 11 Feb 2021
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने 9 फरवरी, 2021 को 'भारत ऊर्जा परिदृश्य 2021' (India Energy Outlook 2021) जारी किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत अगले दो दशकों में ऊर्जा मांग में 25% की सबसे बड़ी वृद्धि करेगा तथा 2030 तक यूरोपीय संघ को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बन जाएगा।
- 2040 तक भारत की ऊर्जा खपत लगभग दोगुनी होने की संभावना है तथा इस समय तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 8.6 ट्रिलियन डॉलर तक होने का अनुमान है।
- भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को जीवाश्म ईंधन आयात पर अधिक निर्भर करना होगा क्योंकि पेट्रोलियम अन्वेषण एवं उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की सरकार की नीतियों के बावजूद भारत का घरेलू तेल और गैस का उत्पादन वर्षों से स्थिर है।
- भारत की तेल मांग 2019 में 5 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2040 में 8.7 मिलियन (बीपीडी) होने की संभावना है, जबकि इसकी शोधन क्षमता (Refining capacity) 2030 तक 6.4 मिलियन बीपीडी और 2040 तक 7.7 मिलियन बीपीडी तक पहुंचने की संभावना है।
- तेल की बढ़ती मांग 2030 तक भारत के तेल आयात बिल को दोगुना कर 181 बिलियन डॉलर तक कर सकती है।
- चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शुद्ध तेल आयातक भारत वर्तमान में अपने कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 76% आयात करता है। विदेशी तेल पर निर्भरता 2030 तक 90% और 2040 तक 92% तक बढ़ने की संभावना है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे