प्रवासी श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना हेतु एक उप-समूह
- 11 Feb 2021
नीति आयोग ने प्रवासी श्रमिकों के लिए एक 'राष्ट्रीय कार्य योजना' तैयार करने के लिए एक 'उप-समूह' का गठन किया है। 10 फरवरी, 2021 को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने यह जानकारी राज्य सभा को दी।
महत्वपूर्ण तथ्य: प्रवासी श्रमिकों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करने के लिए उप-समूह में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विषय विशेषज्ञ, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज संगठनों के सदस्य शामिल हैं।
- प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए, केंद्र सरकार ने अंतर-राज्य प्रवासी कामगार (रोजगार और सेवा शर्तें विनियमन) अधिनियम, 1979 लागू किया था।
- इस अधिनियम को अब व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता, 2020 (OSH code) में समाहित किया गया है, जिसे सितंबर 2020 में अधिसूचित किया गया है।
- यह संहिता प्रवासी श्रमिकों सहित संगठित और असंगठित श्रमिकों के सभी श्रेणियों में गरिमापूर्ण कार्य शर्तें, न्यूनतम मजदूरी, शिकायत निवारण तंत्र, दुर्व्यवहार और शोषण से सुरक्षा, कौशल संवर्धन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- संहिता के प्रावधान ऐसे प्रत्येक प्रतिष्ठान पर लागू होते हैं, जिसमें दस या दस से अधिक अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिक कार्यरत हैं या पूर्ववर्ती 12 महीनों के किसी भी दिन कार्यरत थे।
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