रिसा
- 23 Jan 2021
त्रिपुरा सरकार अब त्रिपुरा के प्रमुख वस्त्र रिसा (Risa) को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
महत्वपूर्ण तथ्य: हाथ से बने वस्त्र रिसा को त्रिपुरा के देसी आदिवासी समुदायों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
- रिसा का उपयोग सिर की पगड़ी, दुपट्टा और महिलाओं के ऊपरी वस्त्र के रूप में किया जाता है तथा इसे किसी व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए भेंट किया जाता है।
- किशोर त्रिपुरी लड़कियों को सबसे पहले रिसा पहनने के लिए तब दिया जाता है, जब वह 12-14 साल की उम्र में 'रिसा सरोमनी' नामक एक कार्यक्रम में पहुंचती हैं।
- इसका उपयोग धार्मिक त्योहारों जैसे कि आदिवासी समुदायों के एक पारंपरिक त्योहार ‘गरिया पूजा’ या शादियों और त्योहारों के दौरान पुरुषों द्वारा सिर की पगड़ी के रूप में भी किया जाता है।
- रिसा एक पारंपरिक त्रिपुरी महिला पोशाक के तीन भागों में से एक है, अन्य दो रिनई (Rignai) और रिकुटु (Rikutu) हैं।
- रिनई का उपयोग मुख्य रूप से शरीर के निचले हिस्से को कवर करने के लिए किया जाता है और इसका शाब्दिक अर्थ है 'पहनने के लिए'।
- रिकुटु शरीर के ऊपरी आधे हिस्से को कवर करता है, इसे चारों ओर लपेटा जाता है। हालाँकि, यह भारतीय साड़ी के 'चुनरी' या 'पल्लू' की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है।
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