मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन
- 21 Jan 2021
नीति आयोग ने 20 जनवरी, 2021 को शहरी क्षेत्रों में ‘मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन’ (Faecal Sludge and Septage Management- FSSM) रिपोर्ट पर एक पुस्तक जारी की।
महत्वपूर्ण तथ्य: इसे ‘नेशनल फेकल स्लज एंड सेप्टेज मैनेजमेंट एलायंस’ (National Faecal Sludge and Septage Management- NFSSM) के साथ संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
- रिपोर्ट में 10 राज्यों के कई शहरों द्वारा सेवा और व्यवसाय मॉडल के तहत ‘मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन’ के 27 मामलों पर अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
- रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि लगभग 60% शहरी परिवार ऑनसाइट स्वच्छता प्रणालियों पर निर्भर हैं, जहां इन प्रणालियों के तहत जमा कचरे के प्रबंधन के लिए खास योजना की आवश्यकता है।
- ‘मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन’ योजना मानव मल प्रबंधन को प्राथमिकता देती है क्योंकि इसमें रोगों को फैलाने की काफी संभावना होती है। इसकी नियोजन रणनीतियों में संयत्रों को खाली करना, दूसरी जगहों तक ले जाना, कचरे का सुरक्षित निपटान आदि शामिल होता है।
- मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन के समाधानों के महत्व को देखते हुए, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 2017 में ‘मल गाद और सेप्टेज प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति’ लेकर आया था। नीति को 24 से अधिक राज्यों ने अपनाया है तथा 12 राज्यों ने अपनी नीतियों को भी लागू किया है।
- खुले में शौच-मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद, भारत अब ODF+ और ODF++ लक्ष्य की ओर बढ़ गया है। ये लक्ष्य शौचालय तक पहुंच और सुरक्षित स्वच्छता प्रणालियों से परे मल के सही और सुरक्षित निपटान पर केंद्रित हैं।
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