लद्दाख का त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्र रामसर स्थल के रूप में शामिल
- 13 Jan 2021
दिसंबर 2020 में भारत ने लद्दाख के ‘त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्र’ (Tso Kar Wetland Complex) को अपने 42वें रामसर स्थल के रूप में शामिल किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: त्सो कर घाटी एक अत्यधिक ऊंचाई वाला आर्द्रभूमि क्षेत्र है, जहां दो प्रमुख जलप्रपात हैं। चांगथांग क्षेत्र के दक्षिण में लगभग 438 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत मीठे पानी की झील 'स्टारत्सपुक त्सो' (Startsapuk Tso) और उत्तर में 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत खारे पानी की झील 'त्सो कर' खुद स्थित है।
- इसे ‘त्सो कर’ कहा जाता है जिसका अर्थ है सफेद नमक। इस क्षेत्र में मौजूद अत्यधिक खारे पानी के वाष्पीकरण के कारण किनारे पर सफेद नमक की पपड़ी पाई जाती है।
- बर्ड लाइफ इंटरनेशनल के अनुसार त्सो कर घाटी ‘ए1 श्रेणी’ (A1 Category) का एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (Important Bird Area) है और यह प्रवासी पक्षियों हेतु मध्य एशियाई उड़ान मार्ग का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
- यह स्थान भारत में काले गर्दन वाली सारस पक्षी (वैज्ञानिक नाम-ग्रस नाइग्रीकोलिस) (Grus nigricollis) का एक महत्वपूर्ण प्रजनन क्षेत्र है।
- यह केंद्र -शासित प्रदेश लद्दाख का दूसरा रामसर स्थल है। इससे पहले लद्दाख का त्सोमोरिरी वेटलैंड रिजर्व को वर्ष 2002 में रामसर स्थल के रूप में नामित किया गया था।
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