प्रख्यात मलयालम कवयित्री सुगाथाकुमारी का निधन
- 25 Dec 2020
प्रख्यात मलयालम कवयित्री, संरक्षणवादी और महिला अधिकारों की कार्यकर्ता, सुगाथाकुमारी का 23 दिसंबर, 2020 को निधन हो गया। वे 86 वर्ष की थी।
- उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत 1957 में कलम नाम (pen name) 'श्रीकुमार' के तहत साप्ताहिक लेखन से की।
- उनका पहला कविता संग्रह, 'मुथुचीपी' 1961 में प्रकाशित हुआ था, जो मलयालम साहित्यिक जगत में उनकी शुरुआत थी।
- 1970 के दशक के उत्तरार्ध में, उन्होंने केरल की साइलेंट वैली में देश के सबसे पुराने प्राकृतिक जंगलों को बचाने के लिए 'सेव साइलेंट वैली' नामक एक सफल राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व किया था।
- 1980 में, उन्होंने वंचित महिलाओं के लिए 'अभय' नामक संगठन शुरू किया, जिसमें आर्थिक रूप से गरीब, बलात्कार पीड़ित, घरेलू हिंसा पीड़ित और मादक पदार्थों के आदी शामिल थे।
- सुगाथाकुमारी केरल राज्य महिला आयोग की पहली अध्यक्ष भी थीं। उनके कार्यकाल में ‘कुदुम्बश्री’ मिशन का शुभारंभ किया गया था
- 2006 में, उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 2013 में, उन्हें उनके कविता संग्रह 'मनालेझुथु' (द राइटिंग ऑन द सैंड) के लिए सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें राज्य के लगभग सभी प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, एजुथचन पुरस्कारम और वायलार पुरस्कार और ओडक्कुजल पुरस्कार शामिल हैं।
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