भारत के 'एंजियोप्लास्टी के जनक' मैथ्यू सैमुअल कलारिकल का निधन

  • 19 Apr 2025

18 अप्रैल, 2025 को भारत में 'एंजियोप्लास्टी के जनक' के रूप में प्रसिद्ध प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ मैथ्यू सैमुअल कलारिकल का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे।

प्रमुख तथ्य :

  • भारत में पहली एंजियोप्लास्टी: डॉ. कलारिकल ने 1986 में भारत में पहली एंजियोप्लास्टी की थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय योगदान: उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में एंजियोप्लास्टी सुविधाएं स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • प्रशिक्षण और विशेषज्ञता: डॉ. कलारिकल ने यू.एस. में एंड्रियास ग्रुंटजिग (इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के जनक) के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया और भारत में एंजियोप्लास्टी की शुरुआत करने का निर्णय लिया।
  • पुरस्कार और सम्मान: उन्हें 2000 में पद्म श्री, 1996 में डॉ. बी.सी. रॉय पुरस्कार और 2003 में तमिलनाडु डॉ. एम.जी.आर. मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस (होनोरिस कोसा) से सम्मानित किया गया था।

एंजियोप्लास्टी

  • एंजियोप्लास्टी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाओं को खोलने के लिए किया जाता है। इसमें एक पतला ट्यूब (कैथेटर) के सिरे पर एक छोटा गुब्बारा लगाया जाता है, जिसे प्रभावित रक्त वाहिका में डालकर फुलाया जाता है ताकि रक्त प्रवाह सुचारू हो सके।
  • यह प्रक्रिया मुख्य रूप से कोरोनरी धमनी रोग के उपचार के लिए की जाती है, जो हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होता है। एंजियोप्लास्टी के दौरान कभी-कभी स्टेंट भी लगाया जाता है, जो एक छोटा जालीदार ट्यूब होता है, जो धमनी को खुला रखने में मदद करता है।