फायरफ्लाई पक्षी डायवर्टर
- 25 Dec 2020
वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी, इंडिया के साथ एक अनूठी पहल में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ (जीआईबी) की आबादी वाले क्षेत्रों में ओवरहेड बिजली लाइनों के लिए एक 'फायरफ्लाई पक्षी डायवर्टर' (firefly bird diverter) लेकर आया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: जीआईबी पक्षी भारत में सबसे गंभीर रूप से खतरे वाली प्रजातियों में से एक है, इसकी 150 से कम संख्या रह गई है। इसे IUCN रेड लिस्ट में 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' (Critically Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार थार क्षेत्र में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए बिजली लाइनें, विशेष रूप से उच्च-वोल्टेज वाली लाइनें, कई ओवरहेड तारों के साथ सबसे महत्वपूर्ण वर्तमान खतरा हैं, और लगभग 15% आबादी में उच्च मृत्यु दर का कारण बन रही है।
- 'फायरफ्लाई पक्षी डायवर्टर’ विद्युत लाइनों पर स्थापित लटकती फ्लैप (flaps) हैं। डायवर्टर को 'फायरफ्लाइज' या जुगनू कहा जाता है, क्योंकि वे रात में दूर से बिजली लाइनों पर चमकते हुए जुगनू की तरह दिखते हैं।
- वे जीआईबी जैसी पक्षी प्रजातियों के लिए परावर्तक (reflectors) के रूप में काम करते हैं। पक्षी उन्हें लगभग 50 मीटर की दूरी से देख सकते हैं और बिजली लाइनों से टकराव से बचने के लिए अपनी उड़ान का मार्ग बदल सकते हैं।
- राजस्थान के पोखरण तहसील में ‘चाचा से धोलिया गाँवों’ (Chacha to Dholiya villages) के बीच चुने गए लगभग 6.5 किमी के दो हिस्सों में डायवर्टर लगाए गए हैं।
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