राष्ट्रीय रेल योजना प्रारूप
- 19 Dec 2020
देश की कुल माल भाड़े की आर्थिक व्यवस्था में क्षमता की कमी को दूर करने और इसके महत्वपूर्ण हिस्से को सुधारने के प्रयास में भारतीय रेल ने 18 दिसंबर, 2020 को एक ‘राष्ट्रीय रेल योजना प्रारूप’ प्रस्तुत किया है। रेलवे का लक्ष्य इस योजना को जनवरी 2021 तक अंतिम अंतिम रूप देना है।
योजना के उद्देश्य: 2050 तक मांग में वृद्धि को पूरा करने हेतु वर्ष 2030 तक भविष्य की मांग के अनुरूप क्षमता निर्माण करना।
- कार्बन उत्सर्जन को कम करने और 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत 2030 तक माल ढुलाई में रेलवे का मॉडल हिस्सा वर्तमान में 27% से बढ़ाकर 45% करना।
- वर्तमान में माल गाड़ियों की औसत गति को 22 किमी./घंटे से 50 किमी./घंटे तक बढ़ाकर माल ढुलाई के समय को कम करना।
- दिसंबर 2023 तक 100% विद्युतीकरण (हरित ऊर्जा) तथा 2030 तक और उसके बाद 2050 तक बढ़ते हुए यातायात के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोकोमोटिव आवश्यकता का आकलन करना।
- इसके तहत तीन समर्पित माल ढुलाई गलियारे अर्थात् पूर्वी तट, पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण की पहचान समय सीमा के साथ की गई है।
विजन 2024: 2024 तक राष्ट्रीय रेल योजना के हिस्से के रूप में कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं, जैसे कि 100% विद्युतीकरण, भीड़भाड़ वाले मार्गों की मल्टीट्रैकिंग और दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई मार्गों पर 160 किमी./घंटे की गति के उन्नयन तथा स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्णिम कोणीय (Golden Quadrilateral-Golden Diagonal) मार्ग पर 130 किमी./घंटे की गति के उन्नयन की योजना हेतु त्वरित कार्यान्वयन के लिए ‘विजन 2024’ शुरू किया गया है।
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