जीपीएस आधारित टोल संग्रहण व्यवस्था
- 18 Dec 2020
- दिसंबर 2020 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयने देश भर में वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 'जीपीएस-आधारित (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) टोल संग्रहण व्यवस्था' को अंतिम रूप देदिया है। इससे भारत अगले दो वर्षों में 'टोल बूथ मुक्त' हो जाएगा।
- वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। अब जबकि सभी वाणिज्यिक वाहनों में पहले से ही वाहन ट्रैकिंग प्रणाली लग कर आ रही है, पुराने वाहनों में जीपीएस तकनीक स्थापित करने के लिए सरकार जल्द ही कोई योजना लेकर आएगी।
- मार्च 2021 तक टोल संग्रह 34,000 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है। टोल संग्रहण के लिए जीपीएस तकनीक के इस्तेमाल से, अगले पांच वर्षों में टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपये तक पहुँच सकती है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे