इस्किमम जनार्थनामी
- 12 Dec 2020
दिसंबर 2020 में भारत के चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक गोवा में पश्चिमी घाट पर वैज्ञानिकों ने ‘भारतीय मुरैनग्रास’ (Indian Muraingrass) की एक नई प्रजाति की पहचान की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: ‘भारतीय मुरैनग्रास’ (वंश- इस्किमम) पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। जैसे चारा आदि में।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, पुणे स्थित अगरकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) के वैज्ञानिकों ने गोवा के पश्चिमी घाट के पठारों में इस प्रजाति की पहचान की है।
- गोवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रो. एम. के. जनार्थनम के सम्मान में नई प्रजाति का नाम ‘इस्किमम जनार्थनामी’ (Ischaemumjanarthanamii) रखा गया है, जिन्हें भारतीय घास वर्गीकरण में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।
- इस्किमम जनार्थनामी गोवा के ‘भगवान महावीर नेशनल पार्क’ के बाहरी इलाके में कम ऊंचाई वाले पठारों पर उगती है। वनस्पति ने चरम जलवायु परिस्थितियों में खुद को बचाए रखने और हर मानसून में खिलने के लिए अनुकूलित कर लिया है।
- वैश्विक स्तर पर 85 प्रजातियां इस्किमम (Ischaemum) से जानी जाती हैं, जिनमें से 61 प्रजातियां विशेष रूप से भारत में पाई जाती हैं। पश्चिमी घाट में इस वंश की उच्चतम सांद्रता वाली 40 प्रजातियां हैं।
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