इको-ब्रिज

  • 10 Dec 2020

नवंबर 2020 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रामनगर वन प्रभाग ने सरीसृप और छोटे स्तनधारियों के लिए अपने पहले 'इको-ब्रिज' (eco-bridge) का निर्माण किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: 90 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा 'इको-ब्रिज' रामनगर वन प्रभाग में कालाढूंगी- नैनीताल राजमार्ग पर है, जिसे बांस, रस्सी और घास से तैयार किया गया है।

इको-ब्रिज क्या हैं? राजमार्गों या लकड़ी की कटाई होने के कारण वन्यजीवों का आवागमन बाधित होता है। इसलिए इको-ब्रिज का निर्माण कर वन्यजीवों के मध्य परस्पर कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाता है।

  • इनमें कैनोपी ब्रिज (आमतौर पर बंदरों, गिलहरियों और अन्य जंगली प्रजातियों के लिए); कंक्रीट अंडरपास या ऊपरी सुरंग मार्ग या मार्ग सेतु (आमतौर पर बड़े जानवरों के लिए); और उभयचर सुरंग या पुलिया शामिल हैं।
  • आमतौर पर इन पुलों को क्षेत्रीय बेलों और लताओं से तैयार किया जाता है, ताकि यह प्राकृतिक परिदृश्य के साथ एक सन्निहित रूप दे सके।

महत्व: कई सड़क परियोजनाएं वन्यजीव गलियारों से होकर गुजरती हैं। जैसे- असम में काजीरंगा-कार्बी आंगलोंग अभ्यारण्य से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 37 तथा कर्नाटक में नागरहोल टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाला राज्य राजमार्ग 33 है।