विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2020
- 05 Dec 2020
30 नवंबर, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत ने मलेरिया के मामलों में कमी लाने के काम में प्रभावी प्रगति की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत इस बीमारी से प्रभावित वह अकेला देश है, जहां 2018 के मुकाबले 2019 में इस बीमारी के मामलों में 17.6% की कमी दर्ज की गई।
एनुअल पैरासिटिक इंसीडेंस (Annual Parasitic Incidence- API): भारत का API 2017 के मुकाबले 2018 में 27.6% तथा 2018 के मुकाबले 2019 में 18.4%; भारत द्वारा वर्ष 2012 से एपीआई को 1 से भी कम पर बरकरार।
मलेरिया के मामले: भारत ने मलेरिया के क्षेत्रवार मामले में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की, जो 20 मिलियन से घटकर करीब 6 मिलियन हो गई। वर्ष 2000 से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 71.8% और मौत के मामलों में 73.9% की गिरावट।
- भारत द्वारा वर्ष 2000 और 2019 के बीच मलेरिया के रोगियों की संख्या (malaria morbidity) में 83.34% की कमी और मलेरिया से होने वाली मौतों के मामलों (malaria mortality) में 92% की कमी दर्ज की गई, जिससे सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों में से ‘छठे लक्ष्य’ (वर्ष 2000- 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 50-75% की गिरावट लाना) को हासिल कर लिया है।
- वर्ष 2019 में ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय और मध्य प्रदेश राज्यों में मलेरिया के कुल मामलों के करीब 45.47% मामले दर्ज हुए। इन्हीं राज्यों से 63.64% मौतें भी दर्ज हुईं।
अन्य तथ्य: मलेरिया के अधिक जोखिम वाले 11 देशों में शुरू विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव’ पहल को भारत के चार राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में शुरू किया गया है।
- 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन’(एनएफएमई) की शुरुआत की तथा जुलाई 2017 में मलेरिया उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017- 2022 की शुरुआत की गई।
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