आत्मनिर्भर भारत 3.0

  • 17 Nov 2020

  • 12 नवंबर 2020 को सरकार ने कोविड से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 शुरू किया है

उद्देश्य

  • रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने, तनावग्रस्त क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने और आवास और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 की शुरुआत की गयी है। इसके तहत 12 घोषणाएँ की गई हैं।

आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 प्रमुख घोषणाएँ

1.आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना

  • इसका लक्ष्य कोविड-19 रिकवरी चरण के दौरान रोज़गार के नए अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।
  • यह योजना 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।

योजना के तहत नए कर्मचारी लाभार्थी होंगे

  • EPFO-पंजीकृत संगठनों में रोज़गार से जुड़ने वाला कोई भी नया कर्मचारी 15,000 / रूपये से कम मासिक वेतन पर पंजीकृत है।
  • जिनकी नौकरियां कोविड महामारी के दौरान 01.03.2020 से 30.09.2020 के बीच चली गयी थी और अब 01.10.2020 या उसके बाद कार्यरत हैं ऐसे EPF सदस्य 15000 / - रूपये से कम मासिक वेतन का आहरण करते हैं।

पात्रता मापदंड

  • EPFO-पंजीकृत संगठन यदि सितंबर, 2020 तक कर्मचारियों के संदर्भ आधार पर नए कर्मचारी जोड़ते हैं वो इस योजना के हक़दार हैं। 30 जून 2021 तक चलने वाली इस योजना में-
  • 50 कर्मचारियों वाले पंजीकृत संगठनों में न्यूनतम दो नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा।
  • 50 से अधिक कर्मचारियों वाले पंजीकृत संगठनों को कम से कम पांच नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा।

केंद्रीय सरकार से सब्सिडी सहायता

  • 1000 कर्मचारियों को रोज़गार देने वाले सगठन:कर्मचारी का योगदान (मजदूरी का 12%) और नियोक्ता का योगदान (मजदूरी का 12%) कुल मजदूरी का 24% है।
  • 1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले संगठन:केवल कर्मचारियों के EPF योगदान (EPF मजदूरी का 12%)।
  • नए कर्मचारियों जो इसके पात्र होंगे उनके आधार नंबर से जुड़े ईपीएफओ खाते (UAN) में सब्सिडी क्रेडिट किया जाएगा।

2.आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (Emergency Credit Line Guarantee Scheme)

  • यह MSMEs, व्यवसायों, MUDRA उधारकर्ताओं, और व्यक्तिगत (व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण) के लिए है।
  • इस ऋण योजना के तहत, बैंक के.वी. कामथ समितिद्वारा सूचित किये गए 26 क्षेत्रों में से तनावग्रस्त क्षेत्रों को उधार दे सकेंगे।
  • नई स्कीम में 1 साल की मोहलत और 5 साल की अदायगी होगी।

3.10 चैंपियन क्षेत्रों के लिए आत्मनिर्भर विनिर्माण उत्पादन लिंक्डप्रोत्साहन(Production Linked Incentive- PLI)

  • घरेलू विनिर्माण की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत 10 और चैंपियन सेक्टर को कवर किया जाएगा।
  • दस सेक्टर-एडवांस सेल केमिस्ट्री बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक / टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल्स और ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, वाइट गुड्स (White Goods- ACs & LED) और स्पेशलिटी स्टील।
  • इससे अर्थव्यवस्था, निवेश, निर्यात और रोज़गार सृजन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

4.पीएम आवास योजना – शहरी

  • वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना (शहरी) के लिये 18,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त परिव्यय की घोषणा की है।जिसमें से 8000 करोड़ रूपये इस वर्ष पहले ही आवंटित किए गए हैं।
  • यह 18 लाख घरों को पूरी तरह निर्मित करने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त 78 लाख नौकरियां पैदा करेगा तथा इस्पात और सीमेंट के उत्पादन और बिक्री में सुधार करेगा, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव (a multiplier effect) पड़ेगा।
  • पीएम आवास योजना-वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास प्रदान करने के इरादे से वर्ष 2015 में शहरी मिशन शुरू किया गया था।

5.निर्माण और अवसंरचना के लिए सहायता - सरकारी निविदाओं (Government Tenders) पर बयाना राशि (Earnest Money Deposit-EMD) और प्रदर्शन सुरक्षा (Performance Security) में छूट

  • ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस प्रदान करने और उन ठेकेदारों को राहत देने के लिए जिनका पैसा रोक दिया जाता है, सरकार द्वारा अनुबंधों (Contracts) पर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को 5-10% से घटाकर 3% कर दिया गया है।
  • यह चल रहे अनुबंधों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का भी विस्तार करेगा।
  • निविदाओं के लिएबयाना राशि(EMD)को हटाकर बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन (Bid Security Declaration)शामिल जाएगा। सामान्य वित्तीय नियमों में यह छूट 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी।

6.डेवलपर्स और घर खरीदारों के लिए आयकर राहत

  • आईटी अधिनियम की धारा 43 CA के तहत रियल एस्टेट इनकम टैक्स में सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू के बीच अंतर 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
  • यह 2 करोड़ रूपये (आवासीय योजना की घोषणा की तारीख से लेकर30 जून 2021 तक) तक आवासीय इकाइयों की प्राथमिक बिक्री के लिए है।
  • 20% तक के परिणामी राहत को उक्त अवधि के लिए आईटी अधिनियम की धारा 56 (2) (x) के तहत इन इकाइयों के ख़रीददारों को भी अनुमति दी जाएगी।
  • आयकर राहत से मध्यम वर्ग को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

7.इंफ्राऋणफाइनेंसिंग के लिए मंच (The Platform for Infra Debt Financing)

  • भारत सरकार राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure-NIIF) के ऋण मंच में 6,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगी।
  • यह राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष2025 तक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 1.1 लाख करोड़रुपये का ऋण प्रदान करने में मदद करेगा।

8.कृषि के लिए सहायता

  • उर्वरक की खपत में काफी वृद्धि हो रही है, किसानों को आगामी फसल सीजन में उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने और उर्वरकों की आपूर्ति में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए 65,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।

9.ग्रामीण रोज़गार के लिए बढ़ावा

  • ग्रामीण रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री गरीब कल्याण रोज़गार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त परिव्यय दिया जा रहा है।
  • इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।

10.प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट के लिए बढ़ावा

  • भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (IDEAS योजना) के तहत परियोजना निर्यात को बढ़ावा देने के लिए EXIM बैंक को 3,000 करोड़ रूपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  • यह EXIM बैंक को क्रेडिट विकास सहायता गतिविधियों की कड़ी को सुगम बनाने और भारत से निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

11.पूंजी और औद्योगिक उत्तेजना

  • घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक बुनियादी ढांचे और हरित ऊर्जा पर पूंजी और औद्योगिक ख़र्च के लिए 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

12.कोविडवैक्सीन के लिए अनुसंधान एवं विकास अनुदान

  • भारतीय कोविडवैक्सीन के अनुसंधान और विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को
  • 900 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।

महत्त्व

  • सरकार द्वारा प्रदान किए गए ये उपाय बड़े नकदी हस्तांतरण (large cash transfers) के बजाय, सरकार की 'राजकोषीय रूढ़िवादिता (Fiscal Conservatism)' की विचारधारा को सुदृढ़ करते हैं।बड़े नकदी हस्तांतरण से विकास दर्शन केंद्र केएक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है जो घरेलू मांग को सहायता करता है, कंपनियों को रोज़गार उत्पन्न करने और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है, और साथ ही साथ फ़र्मों या व्यक्तियों गंभीर संकट में लाभ प्रदान करता है।

विश्लेषण

  • सरकार के अनुसार, कोविड-19 महामारी से आयीराष्ट्रीयआपदामें लोगों का मदद करने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज तक (आत्मनिर्भर 1.0 और आत्मनिर्भर 2.0 सहित) घोषित कुल प्रोत्साहन राशि29.87 लाख करोड़ रूपये है, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 15% है।
  • इसमें से 9% सकल घरेलू उत्पाद का प्रोत्साहन सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
  • जबकि राजकोषीय प्रोत्साहन छोटा रहा है, मौद्रिक नीति बेहद आक्रामक रही है।
  • फोकस में सुधारों की घोषणा से लेकर उनके प्रभावी कार्यान्वयन तक का विस्तार होना चाहिए।
  • इसके अलावाकरों, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नियमों और छोटे व्यवसायों के बकाये के भुगतान के संबंध में नीति निश्चितता के वातावरण को विकसित करना निजी पूंजीगत व्यय चक्र (Private Capital Spending Cycle) को शुरू करने पर सार्थक प्रभाव डाल सकता है।
  • कोविड-19 महामारी के बुरे प्रभाव से आर्थिक पलटाव, अधिकांश विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की तुलना में अधिक मज़बूत लगता है।
  • चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) का अनुमान पहले ही कई संस्थानों द्वारा अनुमानित किया जा चुका है। सरकार को उम्मीद होगी कि उच्च आवृत्ति डेटा (High-Frequency Data)को आगे जीडीपी उत्थान में बदलाजाए।
  • आत्मानिर्भर भारत 3.0 के तहत घोषित किए गए उपाय व्यावहारिक और विशिष्ट हैं अतः उस विषय की मदद करनी चाहिए जिसके लिए इसे लाया गया है।