जूट सामग्री पैकिंग अनिवार्यता संबंधी नियम
- 30 Oct 2020
( 29 October, 2020, , www.pib.gov.in )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर, 2020 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने जूट सामग्री पैकिंग अनिवार्यता संबंधी नियमों के विस्तार को मंजूरी प्रदान की।
उद्देश्य: देश में कच्चे जूट के घरेलू इस्तेमाल और जूट पैकिंग सामग्री को बढ़ावा देना।
महत्वपूर्ण तथ्य: इसके तहत शत-प्रतिशत खाद्यान्नों और 20% चीनी अनिवार्य रूप से विविध जूट बोरों में पैक किए जाने को मंजूरी दी गई है।
- खाद्यान्नों की पैकिंग के लिए शुरू में 10% जूट बोरों की खरीद जीईएम पोर्टल पर रिवर्स ऑक्शन (reverse auction) के जरिए किए जाने को भी अनिवार्य किया गया है।
- जूट पैकिंग सामग्री की आपूर्ति में कोई कमी अथवा व्यवधान आने पर कपड़ा मंत्रालय अन्य संबद्ध मंत्रालयों के साथ मिलकर उपबंधों में छूट दे सकता है और खाद्यान्नों की अधिकतम 30% पैकिंग किए जाने का निर्णय ले सकता है।
- सरकार ने जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम, 1987 के तहत अनिवार्य रूप से पैकिंग किए जाने के इस मानक को विस्तारित किया है।
जूट क्षेत्र को अन्य सहायता: कच्चे जूट की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हेतु एक विशेष कार्यक्रम ‘जूट आईसीएआरई’ (Jute ICARE) का डिजाइन;
- वाणिज्यिक आधार पर 10,000 क्विंटल प्रमाणित बीजों के वितरण के लिए भारत जूट निगम द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम के साथ समझौता;
- जूट सेक्टर के विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘गांधी नगर’ में एक ‘जूट डिजाइन प्रकोष्ठ’ (Jute Design Cell) खोला गया;
- बांग्लादेश और नेपाल से जूट वस्तुओं के आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी।
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