एक्वापोनिक्स तकनीक
- 14 Oct 2020
केंद्रीय संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे द्वारा 13 अक्टूबर, 2020 को गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU), लुधियाना में सी-डैक (C-DAC), मोहाली द्वारा विकसित एक प्रायोगिक ‘एक्वापोनिक्स सुविधा’ (Aquaponics facility) का उद्घाटन किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: निगरानी और स्वचालित नियंत्रण के लिए उन्नत सेंसर से लैस इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली इस अत्याधुनिक सुविधा को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की वित्त पोषण सहायता से विकसित किया गया है।
- लगभग 100% जैविक इस सुविधा को, फसल उपज के लिए बहुत कम भूमि की आवश्यकता होती है, 90% कम पानी की खपत होती है। इससे अधिक पौष्टिक मछली और पौधों को उगाया जा सकता है।
एक्वापोनिक्स तकनीक: यह एक उभरती हुई पर्यावरण अनुकूल तकनीक है, जिसमें मछलियों के साथ-साथ पौधों को भी एकीकृत तरीके से उगाया जाता है।
- मछली का अपशिष्ट बढ़ते पौधों के लिए उर्वरक प्रदान करता है। पौधे पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं और पानी का निस्पंदन (filter) करते हैं। इस पानी का उपयोग मछली टैंक को फिर से भरने के लिए किया जाता है।
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