उत्तराखंड में ‘संस्कृत ग्राम’ विकसित करने की योजना
- 19 Sep 2020
सितंबर 2020 में दैनिक संवाद के साधन के रूप में संस्कृत के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य भर में ‘संस्कृत ग्राम’ विकसित करने का निर्णय लिया है। इन मॉडल गांवों के लोग दैनिक आधार पर प्राचीन भारतीय भाषा में एक-दूसरे से संवाद करेंगे।
- हरिद्वार स्थित संस्कृत अकादमी उत्तराखंड को शुरू में जिलों में और फिर ब्लॉक स्तर पर ऐसे गांवों को विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- राज्य के लगभग सभी जिलों से एक गांव, जहां संस्कृत विद्यालय हैं, को इस अद्वितीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए चुना गया है।
- एक प्रयोगात्मक परियोजना पहले चमोली जिले के किमोठा गांव और बागेश्वर जिले के भंटोला में चलाई गई थी, वहां के निवासी न केवल अपने दैनिक संवाद में संस्कृत का उपयोग करते हैं, बल्कि इसमें लोक गीत भी गाते हैं।
- संस्कृत अकादमी उत्तराखंड का नाम बदलकर ‘उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम हरिद्वार, उत्तराखंड’ करने का भी निर्णय लिया गया।
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