कृष्णा-गोदावरी बेसिन मीथेन ईंधन का एक उत्कृष्ट स्रोत
- 14 Sep 2020
सितंबर 2020 में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान अघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई), के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक अध्ययन में पाया गया है, कि कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन में जमा मीथेन हाइड्रेट जीव-जनित (बायोजेनिक) मूल के हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस बेसिन में जमा होने वाला मीथेन हाइड्रेट एक समृद्ध स्रोत है, जो प्राकृतिक गैस मीथेन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
- यह अध्ययन डीएसटी-एसईआरबी ‘युवा वैज्ञानिक परियोजना’ के एक हिस्से के रूप में किया गया था, जिसका शीर्षक ‘एलुसिडेटिंग द कम्युनिटी स्ट्रक्चर ऑफ मेथोनोजेनिक आर्किया इन मीथेन हाइड्रेट’ (Elucidating the community structure of methanogenic archaea in methane hydrate) था।
- मीथेन हाइड्रेट का निर्माण उस समय होता है, जब महासागरों में उच्च दबाव एवं कम तापमान पर हाइड्रोजन-बंध युक्त जल और मीथेन गैस एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं।
- मीथेन एक स्वच्छ एवं किफायती ईंधन है। अनुमान के अनुसार एक घन मीटर मीथेन हाइड्रेट में 160-180 घन मीटर मीथेन होता है। यहां तक कि केजी बेसिन में मीथेन हाइड्रेट्स में मौजूद मीथेन का सबसे कम अनुमान दुनिया भर में उपलब्ध तमाम जीवाश्म ईंधन भंडार का दोगुना है।
- यह अध्ययन 'मरीन जीनोमिक्स' नामक जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।
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