लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2020
- 12 Sep 2020
10 सितंबर 2020 को अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन 'वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर' (WWF) द्वारा ‘लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2020’ जारी की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: रिपोर्ट के अनुसार 1970 और 2016 के बीच वैश्विक वन्यजीव आबादी में 68% की कमी आई है।
- पृथ्वी की बर्फ-मुक्त भूमि का 75% हिस्सा पहले ही काफी बदल चुका है, अधिकांश महासागर प्रदूषित हैं और इस अवधि में आर्द्रभूमि का 85% से अधिक क्षेत्र लुप्त हो गया है।
- पिछले कई दशकों में जैव विविधता के नुकसान का सबसे महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष कारण भू-उपयोग परिवर्तन रहा है, मुख्य रूप से प्राचीन आवासों को कृषि प्रणालियों में परिवर्तित कर दिया गया है।
- वैश्विक स्तर पर भूमि उपयोग परिवर्तन के कारण सबसे अधिक जैव विविधता का नुकसान यूरोप और मध्य एशिया में 57.9%, उत्तरी अमेरिका में 52.5%, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में 51.2%, अफ्रीका में 45.9% और फिर एशिया में 43% हुआ है।
- लिविंग प्लेनेट इंडेक्स के अनुसार, सबसे बड़ा वन्यजीव आबादी नुकसान लैटिन अमेरिका में 94% के खतरनाक स्तर पर हुआ है।
- विश्व स्तर पर सबसे अधिक संकटग्रस्त जैव विविधता में से एक ताजे पानी की जैव विविधता है, जो महासागरों या जंगलों की तुलना में तेजी से घट रही है।
- आईयूसीएन रेड लिस्ट के अनुसार, दुनिया के केवल 2.4% भूमि क्षेत्र में 45,000 से अधिक प्रजातियों के साथ एक 'मेगाडायवर्स देश' भारत, पहले ही छ: पौधों की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।
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