मिशन कर्मयोगी - राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम
- 04 Sep 2020
( 02 September, 2020, , www.pib.gov.in )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 सितंबर, 2020 को ‘मिशन कर्मयोगी- राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम’ (एनपीसीएससीबी) को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की।
- लक्ष्य: भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करना।
- महत्वपूर्ण तथ्य: इस कार्यक्रम के तहत संस्थागत ढांचे में ‘प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद’; ‘क्षमता विकास आयोग’; डिजिटल परिसम्पत्तियों के स्वामित्व तथा प्रचालन और ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए प्रौद्योगिकीय प्लेटफार्म हेतु विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी); तथा ‘मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में समन्वयन इकाई’ शामिल है।
- मुख्य विशेषताएं: इस कार्यक्रम को ‘एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण-आईगॉट कर्मयोगी’ (iGOTKarmayogi) प्लेटफार्म की स्थापना करके कार्यान्वित किया जाएगा।
- लगभग 46 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को कवर किया जाएगा।
- वित्तीय परिव्यय वर्ष 2020-2021 से 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के दौरान 510.86 करोड़ रुपये।
- इस कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत:
(i) ‘नियम आधारित’ मानव संसाधन प्रबंधन से ‘भूमिका आधारित’ प्रबंधन के परिवर्तन को सहयोग प्रदान करना।
(ii) ‘ऑफ साइट सीखने की पद्धति’ को बेहतर बनाते हुए ‘ऑन साइट सीखने की पद्धति’ पर बल देना।
(iii) सिविल सेवा से संबंधित सभी पदों को भूमिकाओं, गतिविधियों तथा दक्षता के ढांचे संबंधी दृष्टिकोण के साथ अद्यतन करना।
- प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयनित केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, शिक्षाविद, और लोक सेवा प्रतिनिधियों वाली एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद शीर्ष निकाय के तौर पर कार्य करेगी, जो सिविल सेवा- सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी।
- क्षमता विकास आयोग: इसके प्रमुख कार्य वार्षिक क्षमता विकास योजनाओं के संबंध में ‘पीएम सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद’ की सहायता करना; सिविल सेवा क्षमता विकास से जुड़े सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों का कार्यात्मक पर्यवेक्षण करना तथा प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास, शिक्षण शास्त्र और पद्धति के मानकीकरण पर सिफारिशें पेश करना है।
- विशेष प्रयोजन कंपनी: ‘गैर-लाभ अर्जक’ कंपनी के रूप में एक विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) की स्थापना की जाएगी, जो ‘आईगॉट- कर्मयोगी’ प्लेटफॉर्म का स्वामित्व रखेगी और प्रबंधन करेगी।