भारत की जीडीपी में 23.9% की भारी गिरावट
- 02 Sep 2020
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 31 अगस्त, 2020 को जारी अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में भारत की जीडीपी में 23.9% की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: देश की अर्थव्यवस्था में करीब चार दशक बाद पहली बार संकुचन (-23.9%) देखा गया। इसकी तुलना में पिछली तिमाही में जीडीपी में 3.1% की वृद्धि दर्ज की गई थी। जबकि 2019- 20 की अप्रैल-जून तिमाही में 5.2% की वृद्धि दर्ज की गई ।
- कृषि एकमात्र क्षेत्र था, जिसने 3.4% की मामूली वृद्धि दर्ज की। अन्य सभी क्षेत्रों में संकुचन देखा गया, निर्माण में 50.3% की गिरावट; व्यापार, होटल, परिवहन और संचार में 47% की गिरावट; विनिर्माण 39.3% की गिरावट , जबकि खनन और उत्खनन में 23.3% की गिरावट दर्ज की गई।
- निजी खपत में 26.7% की गिरावट दर्ज की गई गई, जबकि निवेश, जो सकल स्थिर पूंजी निर्माण (Gross fixed capital formation) से परिलक्षित होता है, में 47% की गिरावट दर्ज की गई। जबकि सरकारी अंतिम उपभोग व्यय में 16.4% की वृद्धि दर्ज की गई।
- अर्थव्यवस्था का अंतिम संकुचन 1979-80 में हुआ था, जब जीडीपी में 5.2% की गिरावट दर्ज की गई। जबकि 1996 में तिमाही आंकड़ों को प्रकाशित करने के बाद से यह सबसे तेज गिरावट थी।
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