लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम का सफल परीक्षण
- 14 Apr 2025
13 अप्रैल को 2025, भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में Mk-II(A) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) सिस्टम का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास उच्च-शक्ति वाले लेजर हथियार प्रणाली की क्षमता है।
प्रमुख तथ्य:
- प्रणाली का विकास: Mk-II(A) सिस्टम का विकास DRDO के सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज (CHESS), हैदराबाद ने भारतीय उद्योगों, अकादमिक संस्थानों और अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के सहयोग से किया है।
- तकनीकी विशेषताएं: यह 30 किलोवाट की उच्च-शक्ति वाली लेजर प्रणाली है, जो 5 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, दुश्मन के सेंसर और एंटीना को तेजी और सटीकता से नष्ट कर सकती है। इसमें 360 डिग्री इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सेंसर लगे हैं जो लक्ष्य का सटीक पता लगाते हैं।
- लागत प्रभावशीलता: इस प्रणाली का संचालन पेट्रोल के कुछ लीटर के बराबर ऊर्जा खर्च करता है, जिससे यह कम लागत में उच्च आवृत्ति वाले ड्रोन खतरों से निपटने का प्रभावी समाधान बनती है।
- सैन्य महत्व: Mk-II(A) प्रणाली प्रकाश की गति से लक्ष्य को निशाना बनाती है, जिससे पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तुलना में कम समय में और कम लागत में कार्यक्षमता मिलती है।
- वैश्विक स्थिति: इस परीक्षण के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जिसने इस प्रकार की उन्नत लेजर हथियार प्रणाली विकसित की है। DRDO वर्तमान में 300 किलोवाट की अधिक शक्तिशाली "सूर्य" हथियार प्रणाली भी विकसित कर रहा है, जिसकी सीमा 20 किलोमीटर है।
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