2050 तक 44 करोड़ भारतीय हो सकते हैं मोटापे के शिकार

  • 10 Mar 2025

9 मार्च, 2025 को प्रकाशित The Lancet के अध्ययन के अनुसार, भारत में मोटापे और अधिक वजन वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या 2050 तक और गंभीर हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव गहरा होगा।

मुख्य तथ्य:

  • मोटापे की परिभाषा: अध्ययन में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का उपयोग किया गया है। वयस्कों में BMI 30 से अधिक को मोटापा और 25-30 के बीच को अधिक वजन माना गया है। बच्चों और किशोरों के लिए आयु और लिंग आधारित सिफारिशें लागू होती हैं।
  • वर्तमान स्थिति: 2021 में, भारत में 18 करोड़ वयस्क मोटापे से ग्रस्त थे। भारत ने उस वर्ष सबसे अधिक अधिक वजन वाले किशोरों की संख्या (16.8 मिलियन लड़के और 13 मिलियन लड़कियाँ) दर्ज की।
  • भविष्यवाणी: 2050 तक, भारत में लगभग 44 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। इसमें पुरुषों की संख्या 218 मिलियन और महिलाओं की संख्या 231 मिलियन होने का अनुमान है।
  • आर्थिक प्रभाव: मोटापे के कारण भारत को 2019 में $28.95 बिलियन (GDP का 1%) का आर्थिक नुकसान हुआ। यह लागत 2050 तक $81.53 बिलियन (GDP का 1.57%) तक पहुँच सकती है।
  • कारण और समाधान: उच्च कैलोरी वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का बढ़ता उपभोग, शहरीकरण, और शारीरिक गतिविधि की कमी मोटापे के प्रमुख कारण हैं। समाधान के लिए पारंपरिक खाद्य प्रणाली को बनाए रखना, अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों पर कर लगाना, और राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है।