​महिला कर्मचारियों और उद्यमियों हेतु सरकारी पहल

  • 11 Feb 2025

10 फरवरी, 2025 को, कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री ने लोकसभा को भारत में महिला कर्मचारियों और उद्यमियों का समर्थन करने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य बिंदु:

  • विधायी ढांचा: कंपनी अधिनियम, 2013, कुछ कंपनियों के बोर्डों पर कम से कम एक महिला निदेशक की नियुक्ति का अनिवार्य करता है।
  • सुरक्षा और सुरक्षा पर ध्यान: कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने और उसका समाधान करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
  • महिला उद्यमियों के लिए समर्थन: सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना महिला उद्यमियों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है।
    • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) महिला उद्यमियों को अधिक सब्सिडी प्रदान करता है।
    • स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिला उद्यमियों को ऋण की सुविधा प्रदान करती है।
    • यशस्विनी: "यशस्विनी" जैसी पहलें क्षमता निर्माण के माध्यम से महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती हैं।
  • मातृत्व लाभ: मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017, 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में पालना सुविधाओं का अनिवार्य करता है।
  • "पालना" योजना: यह योजना कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए डेकेयर सुविधाएं प्रदान करती है।
  • SHe-Box पोर्टल: महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए एक केंद्रीकृत मंच बनाया गया है।