बजट 2025-26 लोकसभा में पेश

  • 03 Feb 2025

1 फरवरी, 2025 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश किया। बजट के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं-

कर सुधार:

  • नए आयकर विधेयक का परिचय प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कर कानून की भाषा को सरल और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया गया है ताकि आम जनता उसे आसानी से समझ सके और उसका लाभ उठा सके।

मूल सीमा शुल्क में छूट:

  • कोबाल्ट पाउडर, लिथियम आयन बैटरी कचरा और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर मूल सीमा शुल्क में छूट दी गई है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी लाने की योजना है।

गीग अर्थव्यवस्था:

  • एक करोड़ गीग श्रमिकों को पहचान पत्र और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त होंगे। इससे गीग श्रमिकों को काम की स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।

स्वास्थ्य सेवा:

  • ₹2.2 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसके तहत 10 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना होगी और डे केयर कैंसर केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिससे कैंसर के इलाज में सुविधाएं बढ़ेंगी।

कृषि:

  • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 की शुरुआत की घोषणा की गई है, जिसके तहत ₹1.5 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

शिक्षा:

  • सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना के लिए ₹1,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही, आईआईटी का विस्तार और 5 नए आईआईटी की स्थापना की जाएगी, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर:

  • पूंजीगत व्यय ₹11.21 लाख करोड़ (जीडीपी का 3.1%) रखा गया है। इसमें सड़क परिवहन, राजमार्गों और रेलवे में निवेश में वृद्धि की गई है, जिससे बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।

रक्षा:

  • रक्षा के लिए ₹6.8 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे सुरक्षा बलों की क्षमता और संसाधनों में वृद्धि होगी।

वित्तीय घाटा:

  • वित्तीय घाटा जीडीपी का 4.4% करने की योजना है, जिससे आर्थिक स्थिरता और विकास में सुधार होगा।

एमएसएमई:

  • एमएसएमई के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा मानदंड में सुधार किया गया है। साथ ही, ₹5,000 करोड़ का फंड स्थापित किया गया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों को समर्थन मिलेगा।

मछली पालन:

  • भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र से मत्स्यपालन के स्थायी उपयोग की रूपरेखा बनाई गई है, जिसके लिए ₹3,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।

मेडिकल टूरिज्म:

  • भारत को वैश्विक स्वास्थ्य हब के रूप में बढ़ावा देने के लिए ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी:

  • ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी माध्यमिक स्कूलों के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए ₹500 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे डिजिटल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।

उच्च उपज बीजों पर राष्ट्रीय मिशन:

  • उच्च उपज बीजों का विकास और प्रचार किया जाएगा, जिसके लिए ₹2,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बिहार में मखाना बोर्ड:

  • उत्पादन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की गई है, जिसके लिए ₹1,000 करोड़ का बजट रखा गया है।

असम में यूरिया संयंत्र:

  • 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाला नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए ₹1,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी):

  • किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई है, जिससे किसानों को ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम:

  • उत्पादन, कुशल आपूर्ति श्रृंखला, और किसानों के लिए उचित मूल्य को बढ़ावा देने के लिए ₹1,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।

उन्नत निर्माण प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र:

  • उन्नत निर्माण प्रशिक्षण के लिए उद्योग सहयोग के तहत ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

भारतीय भाषा पुस्तक योजना:

  • स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल पुस्तकें प्रदान की जाएंगी, जिसके लिए ₹500 करोड़ का बजट रखा गया है।