भारत - अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु सहयोग पर सहमति
- 07 Jan 2025
6 जनवरी 2025 को, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने घोषणा की कि अमेरिका नागरिक परमाणु सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में बाधा डालने वाले नियमों को ढीला करने के लिए कदम उठा रहा है।
मुख्य तथ्य:
- नियामक ढील: अमेरिका भारत के प्रमुख परमाणु संस्थानों जैसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) और इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR) को अमेरिकी एंटिटी सूची से हटाने की योजना बना रहा है।
- अंतरिक्ष सहयोग: अमेरिका-भारत का वाणिज्यिक और नागरिक अंतरिक्ष सहयोग "लिफ्ट ऑफ" के लिए तैयार है, जिसमें मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की योजना है।
- पुरानी चुनौतियाँ: यह घोषणा 2008 में हुए भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते के बाद की गई है, जो पिछले एक दशक से अधिक समय से कार्यान्वित नहीं हो पाया था।
- चीन पर टिप्पणी: सुलिवन ने चीन की "शिकारी औद्योगिक रणनीतियों" की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनियाँ अपने बाजारों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक लचीलापन चाहती हैं, जिसके लिए वे भारत में निवेश कर रही हैं।
- उपकरणों का साझा करना: अमेरिका कुछ उच्च तकनीक उपकरणों को साझा करने के लिए अपने नियमों को ढीला करेगा, विशेषकर रॉकेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में।
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