भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच रक्षा सहयोग समझौता
- 18 Mar 2025
17 मार्च 2025 को, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता पुनः आरंभ करने की घोषणा की। यह चीन के आक्रामक रुख के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य तथ्य:
- रक्षा सहयोग समझौता: भारत और न्यूज़ीलैंड भविष्य में रक्षा सहयोग पर MoU के तहत द्विपक्षीय संवाद को संस्थागत रूप देंगे। दोनों देश समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर चर्चा करेंगे। भारतीय नौसेना का पोत "तरिणी" और न्यूज़ीलैंड का पोत ‘HMNZS टेकाहा’ भविष्य में एक-दूसरे के बंदरगाहों का दौरा करेंगे।
- एफटीए वार्ता:
- भारत और न्यूज़ीलैंड ने एक दशक के बाद एफटीए वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की। पहली वार्ता अप्रैल 2025 में होगी।
- 2023-24 में भारत का न्यूज़ीलैंड को निर्यात $538 मिलियन था, जबकि आयात $335 मिलियन रहा, जिससे $203 मिलियन का व्यापार अधिशेष हुआ।
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग:
- दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुला और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी ने "विकासवाद, न कि विस्तारवाद" नीति पर जोर दिया, जो चीन के आक्रामक रवैये की ओर संकेत करता है।
- न्यूज़ीलैंड ने भारत द्वारा शुरू किए गए इंडो-पैसिफिक ओशंस’ इनिशिएटिव (IPOI) में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की।
- आतंकवाद पर संयुक्त कार्रवाई: दोनों देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
- अन्य सहयोग समझौते: रक्षा सहयोग के अलावा, दोनों देशों ने खेल, कृषि, डिजिटल भुगतान, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें एक हॉर्टिकल्चर सहयोग समझौता और स्पोर्ट्स MoC शामिल हैं।
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