​इसरो का स्पेडेक्स मिशन

  • 01 Jan 2025

30 दिसंबर 2024 को, इसरो ने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पेडेक्स) मिशन लॉन्च किया, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य तथ्य:

  • डॉकिंग प्रौद्योगिकी: स्पेडेक्स का उद्देश्य दो अंतरिक्ष यानों के बीच डॉकिंग और अनडॉकिंग मन्युवरिंग प्रदर्शित करना है। बाहरी अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग टेक्नोलॉजी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे विभिन्न अंतरिक्ष यान आपस में जुड़ सकते हैं या अलग हो सकते हैं। यह तकनीक बड़ी संरचनाओं, जैसे स्पेस स्टेशन या सैटेलाइट्स को बनाने में मदद करती है। ऐसा करने के लिए कई बार अलग-अलग लॉन्च की जरूरत होती है और अलग-अलग मॉड्यूल्स को अंतरिक्ष में जोड़ना पड़ता है।
  • मिशन उद्देश्य: प्रमुख उद्देश्यों में डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे भविष्य के मिशनों का समर्थन, स्वायत्त संचालन और बिजली हस्तांतरण का परीक्षण और डॉकिंग के बाद पेलोड संचालन करना शामिल है।
  • तकनीकी महत्व: स्पेडेक्स भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों के समूह में स्थापित करता है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में इसकी वैश्विक स्थिति में वृद्धि होती है।
  • भविष्य के अनुप्रयोग: गगनयान जैसे मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों और जटिल अंतरग्रहीय मिशनों सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए सफल डॉकिंग तकनीक महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष यान विवरण: इस मिशन में दो छोटे उपग्रह शामिल हैं, एसडीएक्स01 (चेज़र) और एसडीएक्स02 (लक्ष्य), जिनका वजन लगभग 220 किलोग्राम है।