​घरेलु उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES), 2023-24

  • 29 Dec 2024

सन्दर्भ: हाल ही में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने घरेलु उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES), 2023-24 के निष्कर्ष जारी किए।

मुख्य तथ्य:

  • औसत मासिक प्रति व्यक्ति व्यय (MPCE): ग्रामीण क्षेत्रों में 4,122 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 6,996 रुपये अनुमानित है।
  • शहरी-ग्रामीण अंतराल में कमी: 2023-24 में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच एमपीसीई में अंतर 71% से घटकर 70% हो गया।
  • असमानता: वर्गों और राज्यों के बीच असमानता एक चिंता का विषय बनी हुई है। ग्रामीण आबादी के निचले 5% का एमपीसीई 1,677 रुपये है, जबकि शीर्ष 5% का एमपीसीई 10,137 रुपये है। एमपीसीई सिक्किम में सबसे अधिक और छत्तीसगढ़ में सबसे कम है।
  • उपभोग पैटर्न: गैर-खाद्य वस्तुओं का ग्रामीण (53%) और शहरी (60%) दोनों क्षेत्रों में व्यय में बड़ा हिस्सा है। शहरी क्षेत्रों में गैर-खाद्य व्यय का 7% किराया है।
  • असमानता में गिरावट: आय असमानता को मापने वाला गिनी गुणांक, पिछले वर्ष की तुलना में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गिरावट दर्शाता है।

घरेलू उपभोग व्यय

  • घरेलू उपभोग व्यय (HCE) से तात्पर्य किसी निश्चित अवधि, आमतौर पर एक वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं पर परिवारों द्वारा खर्च की गई कुल राशि से है।
  • घरेलू उपभोग व्यय (HCE) में टिकाऊ वस्तुओं, जैसे कि उपकरण और फर्नीचर, साथ ही गैर-टिकाऊ वस्तुओं, जैसे कि भोजन और कपड़ों पर व्यय को भी शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमे HCE में आवास, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन सहित सेवाएँ भी शामिल हैं।
  • यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है, क्योंकि यह किसी देश में परिवारों के जीवन स्तर और क्रय शक्ति को दर्शाता है।
  • HCE डेटा का उपयोग अक्सर नीति निर्माताओं द्वारा उपभोग पैटर्न को समझने और सूचित निर्णय लेने के लिए किया जाता है।