​'नो-डिटेंशन नीति' समाप्त

  • 24 Dec 2024

23 दिसंबर 2024 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए 'नो-डिटेंशन नीति' को समाप्त कर दिया है।

  • संशोधित नीति के अनुसार, जो छात्र अपनी वार्षिक परीक्षा में असफलता हो गए हैं, उन्हें दो महीने के भीतर परीक्षा दोबारा देनी होगी, असफल होने पर उन्हें शैक्षणिक वर्ष दोहराना होगा।
  • 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन के बाद 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दोनों कक्षाओं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया था।
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से अब पाॅलिसी खत्म करने के बाद यदि कोई छात्र 5वीं और 8वीं में फेल होता है, तो उसे दो माह के अंदर एग्जाम को पास करना होगा।
  • अगर छात्र परीक्षा में सफल नहीं होता है तो उसे आगे की कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।

प्रभाव:

  • इस संशोधन का उद्देश्य सीखने के परिणामों और शैक्षणिक मानकों में सुधार करना है।
  • शिक्षक उन छात्रों की सहायता करेंगे जिन्हें अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता की आवश्यकता है।
  • कई राज्यों में इस निर्णय को लागू किया गया है, अन्य राज्यों के भी अनुसरण करने की उम्मीद है।

महत्व:

  • नो-डिटेंशन नीति का उन्मूलन भारत में प्राथमिक शिक्षा के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।
  • इसका उद्देश्य सीखने के परिणामों और शैक्षणिक मानकों पर पिछली नीति के प्रभाव को संबोधित करना है।
  • शिक्षा प्रणाली में शैक्षणिक कठोरता और जवाबदेही पर जोर दिया गया है।