​वैश्विक पर्यवारनीय संकट: परस्पर जुड़े खतरों का जाल

  • 23 Dec 2024

इंटरगवर्नमेंटल साइंस-पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडाइवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज (The Intergovernmental Science-Policy Platform on Biodiversity and Ecosystem Services , IPBES)) द्वारा जरी रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि, खाद्य असुरक्षा, जल की कमी और स्वास्थ्य जोखिम जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के अंतर्संबंध को रेखांकित करता है।

  • आईपीबीईएस, एक स्वतंत्र, अंतर-सरकारी निकाय है जो दुनिया की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति का आकलन करता है। यह सरकारों और अन्य हितधारकों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग पर निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक सलाह प्रदान करता है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि ये चुनौतियां गहराई से जुड़ी हुई हैं और इन्हें अलग-थलग करके संबोधित नहीं किया जा सकता है।
  • वर्तमान आर्थिक मॉडल इन सभी चुनौतियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
  • रिपोर्ट जैव विविधता ह्रास की खतरनाक दर को उजागर करती है, जिसमें अनुमानित एक मिलियन प्रजातियां विलुप्त होने का सामना कर रही हैं।
  • रिपोर्ट उन सहक्रियात्मक दृष्टिकोणों की आवश्यकता पर जोर देती है जो सभी पांच चुनौतियों में सकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं, जैसे कि कार्बन-समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों को बहाल करना और टिकाऊ आहार को बढ़ावा देना।
  • रिपोर्ट प्रकृति के साथ हमारे संपर्क के तरीके में मौलिक परिवर्तनों की आवश्यकता पर जोर देती है, जिसमें समानता, समावेशिता और प्रकृति के प्रति सम्मान शामिल है।