मनरेगा में कम मजदूरी और मजदूरी दर में असमानता सुधार रिपोर्ट
- 16 Dec 2024
ग्रामीण विकास और पंचायती राज संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने मनरेगा के अंतर्गत राज्यों में कम मजदूरी और मजदूरी दर में असमानता के मुद्दों को उजागर करते हुए अपनी एक रिपोर्ट संसदमेंप्रस्तुत किया ।
मनरेगा से संबंधित प्रमुख मुद्दे:
- भुगतान से संबंधितमुद्दे : विलंबित भुगतान और राज्यों द्वारा बेरोजगारी भत्ता और विलंबित मुआवजा प्रदान न करना।
- प्रौद्योगिकी अपनाना: मनरेगा मजदूरों का इंटरनेट कनेक्टिविटी, स्मार्टफोन व अन्यतकनीकी विषयों से न जुड़ा होना ।
- सामाजिक अंकेक्षण: ग्राम सभाओं द्वारा सामाजिक अंकेक्षण के संचालन में अनियमितताएँ। उदाहरण के लिए 2020-21 में केवल 14% नियोजित ग्राम पंचायतों का अंकेक्षण किया गया।
समिति की प्रमुख सिफारिशें
- मजदूरी दर में संशोधन: मजदूरी दर को बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए उपयुक्त सूचकांक से जोड़ा जा सकता है।
- मजदूरी में समानता: अनुच्छेद 39(डी) (डीपीएसपी) के आधार पर, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मनरेगा लाभार्थियों को समान रूप से मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 39(डी) में पुरुष और महिला दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन का प्रावधान है।
- मजबूत वित्तीय प्रबंधन: वेतन और सामग्री घटकों से संबंधित लंबित मामलों को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए।
- काम के निश्चितदिनों में वृद्धि : काम की मांग को पूरा करने के साथ-साथ टिकाऊ संपत्ति बनाने के लिए काम के गारंटीकृत दिनों को 100 से बढ़ाकर 150 किया जाना चाहिए।
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