मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'आईएनएस तुशिल'
- 11 Dec 2024
9 दिसंबर, 2024 को रूस के कलिनिनग्राद में स्थित यंतर शिपयार्ड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'आईएनएस तुशिल' (INS Tushil) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
- यह जहाज अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणालियों के साथ उन्नत गैस टरबाइन प्रॉपल्सन संयंत्र द्वारा संचालित है और 30 नॉट से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है। उच्च स्तर की ऑटोमेशन एवं स्टील्थ विशेषताएं इसकी युद्धक क्षमता व उत्तरजीविता को और बढ़ाती हैं।
- आईएनएस तुशिल के निर्माण कार्यक्रम की आधारशिला 12 जुलाई, 2013 को रखी गई थी और अक्टूबर 2021 में इसका जलावतरण किया गया था।
- आईएनएस तुशिल, प्रोजेक्ट 1135.6 के अंतर्गत उन्नत क्रिवाक III (Krivak III) श्रेणी का युद्धपोत है, जिसमें से 6 पहले से ही सेवा में हैं - तीन तलवार श्रेणी के जहाज हैं, जो सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में निर्मित हैं और तीन अनुवर्ती टेग श्रेणी (Teg class) के जहाज हैं, जो कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में बने हुए हैं।
- आईएनएस तुशिल इस शृंखला का 7वां पोत है, जो दो उन्नत अतिरिक्त अनुवर्ती पोतों में से पहला है, जिसके लिए अनुबंध पर अक्टूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (JSC Rosoboronexport), भारतीय नौसेना तथा भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
- आईएनएस तुशिल को चारों आयामों - वायु, सतह, जल के भीतर और विद्युतचुंबकीय क्षेत्र में नौसैन्य युद्ध के सम्पूर्ण स्पेक्ट्रम में समुद्री गतिविधियों के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह कई प्रकार के उन्नत हथियारों से सुसज्जित है, जिनमें संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, उन्नत रेंज वाली लंबवत प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘श्टिल’ (Shtil), उन्नत स्टील्थ विशेषताओं वाली मध्यम दूरी की वायुरोधी और सतही तोप, पनडुब्बी रोधी टारपीडो व रॉकेट आदि प्रणालियां शामिल हैं।
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