कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024

  • 19 Nov 2024

13 नवंबर, 2024 को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे को हल करने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किये।

  • कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024 (Guidelines for Prevention of Misleading Advertisement in Coaching Sector, 2024) का उद्देश्य छात्रों और आम जनता को कोचिंग केंद्रों द्वारा आमतौर पर अपनाए जाने वाले भ्रामक विपणन तौर-तरीकों से बचाना है।
  • दिशा-निर्देश के अनुसार कोचिंग के अंतर्गत अकादमिक सहायता, शिक्षा प्रदान करना, मार्गदर्शन, निर्देश, अध्ययन कार्यक्रम या ट्यूशन या इसी तरह की प्रकृति की अन्य गतिविधियां शामिल हैं, लेकिन इसमें परामर्श, खेल, नृत्य, रंगमंच और अन्य रचनात्मक गतिविधियां शामिल नहीं हैं।
  • 50 से अधिक छात्रों को कोचिंग प्रदान करने के लिए किसी व्यक्ति (व्यक्तियों) द्वारा स्थापित, संचालित या प्रशासित केंद्र "कोचिंग सेंटर" के अंतर्गत आते हैं।

दिशा-निर्देश के कुछ मुख्य बिंदु

  • विज्ञापनों का विनियमन: दिशा-निर्देश कोचिंग संस्थानों को निम्नलिखित बातों से सम्बंधित झूठे दावे करने से स्पष्ट रूप से रोकते हैं:
    • प्रस्तावित पाठ्यक्रम, उनकी अवधि, संकाय योग्यता, शुल्क और धनवापसी नीतियां।
    • चयन दर, सफलता की कहानियां, परीक्षा रैंकिंग और नौकरी की सुरक्षा के वादे।
    • सुनिश्चित प्रवेश, उच्च परीक्षा स्कोर, गारंटीकृत चयन या पदोन्नति।
  • सत्यवादी निरूपण: उनकी सेवाओं की गुणवत्ता या मानक के बारे में भ्रामक प्रतिनिधित्व सख्त मना है। कोचिंग संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में सटीक रूप से बताना चाहिए।
  • छात्रों की सफलता की कहानियां: ये दिशा-निर्देश कोचिंग केंद्रों को छात्रों की लिखित सहमति के बिना विज्ञापनों में उनके नाम, फ़ोटो या प्रशंसापत्र का उपयोग करने पर रोक लगाते हैं।
  • पारदर्शिता और प्रकटीकरण: कोचिंग केंद्रों को विज्ञापन में छात्र की तस्वीर के साथ-साथ नाम, रैंक और पाठ्यक्रम विवरण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना होगा।